कोरोना वैक्सीन: भारत में जनवरी से लगने लगेगा टीका, ये है सरकार का पूरा प्लान

punjabkesari.in Saturday, Dec 19, 2020 - 06:12 AM (IST)

नई दिल्लीः स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि भारत में जनवरी महीने से कोरोना के टीके लगने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नाम जाहिर न किए जाने की की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि आने वाले कुछ हफ्तों में वैक्सीन बनाने वाली कुछ कंपनियों को देश की दवा नियामक संस्था से वैक्सीन के अपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत मिल सकती है। 
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दो कंपनियों ने पहले ही वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अर्जी दे दी है और छह अन्य कंपनियां, वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के दौर में हैं। टीकाकारण योजना के तहत अगस्त महीने तक 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जाएगा।भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल मामले एक करोड़ तक पहुंचने वाले हैं और बीमारी की चपेट में आकर अब तक लगभग एक लाख 44 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि अब भारत में संक्रमण के नए मामलों में गिरावट आई है लेकिन ऐसे वक्त में भी टीकाकरण की प्रक्रिया क्या होगी और ये किसे पहले मिलेगी इसकी विस्तृत योजना तैयार की गई है। 
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कौन सी वैक्सीनों के नाम पर है चर्चा?

भारत के सीरम इंस्टीट्यूट और ब्रितानी फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका के सहयोग से बनी कोविशील्ड वैक्सीन और कोवैक्सीन, जिसे भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने बनाया है, की खूब चर्चा है। दोनों ही वैक्सीन कंपनियों ने आपातकालीन इस्तेमाल के लिए आवेदन किया है।

इसके अलावा कुछ और वैक्सीन्स जो अभी ट्रायल के दौर में हैं:

  • जाईकोव-डी- इसे अहमदाबाद की कंपनी जाइडस कैडिला बना रही है। 
  • हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई, एमआईटी के साथ मिलकर वैक्सीन तैयार कर रही है।
  • HGCO19, पुणे की कंपनी जेनोवा, सिएटल की कंपनी एचडीटी बायोटेक कॉपरेशन के साथ मिलकर भारत की पहली mRNA वैक्सीन बना रही है।
  • भारत बायोटेक की नजल वैक्सीन।
  • रूस के गमलेया नेशनल सेंटर और डॉक्टर रेड्डी लैब की ओर से तैयार की गई स्पुतनिक-वी वैक्सीन। 
  • अमेरिका की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी नोवावाक्स और सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से तैयार की गई दूसरी वैक्सीन। 


'भारत में वैक्सीन का संतोषजनक स्टॉक उपलब्ध' 
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि इनमें से चार वैक्सीन पूरी तरह स्वदेशी हैं। अधिकारी ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज भी किया जिनमें दावा किया जा रहा है कि भारत ने दुनियाभर की वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को लाखों खुराकों का प्री-ऑर्डर दे दिया है। उनका कहना था कि भारत में वैक्सीन का स्टॉक 'संतोषजनक मात्रा' में उपलब्ध है। अधिकारी ने यह भी बताया कि भारत सरकार कुछ स्थानीय और वैश्विक वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के संपर्क में थी ताकि उन्हें अपनी जरूरतें बताई जा सकें और उनकी उत्पादन की क्षमता के बारे में जाना जा सके। उन्होंने कहा, 'सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक इन दो कंपनियों के पास मिलाकर एक महीने में 6.5 करोड़ खुराक वैक्सीन बनाने की क्षमता है। अगर वैक्सीन कंपनियों को इजाजत मिल जाती है तो भारत के पास वैक्सीन का बेहतर स्टॉक है।'

वैक्सीन को लोगों तक पहुंचाने की योजना क्या है?
अधिकारी ने बताया कि अगले साल जनवरी से अगस्त महीने तक लगभग 30 करोड़ लोगों को कोरोना के टीके लगाए जाएंगे। इस प्रक्रिया में एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल होंगे, जिनमें पुलिसकर्मियों और नगर निगम के कर्मचारियों सहित फ्रंटलाइन पर काम करने वाले लोग शामिल होंगे। इसके बाद उन लोगों तक टीका पहुंचाया जाएगा जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है या जिन्हें दूसरी कई बीमारियां (को-मॉर्बिडिटीज) हैं। भारत पहले से ही लगभग चार करोड़ गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों को 12 तरह की बीमारियों से बचाने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी टीकाकरण योजना चलाता है। भारत के पास ऐसे वैक्सीन को स्टोर करने की भी बेहतर क्षमता है। अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार भारत में कुल दो लाख 23 हजार नर्सें और दाइयों में से एक लाख 54 हजार नर्सों और दाइयों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। ये नर्सें और दाइयां कोरोना वैक्सीन को लोगों तक पहुंचाएंगी। इसके अलावा नर्सिंग की पढ़ाई करने वाले आखिरी साल के छात्रों को भी वॉलिंटयरशिप के लिए आमंत्रित किया जाएगा।  


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Pardeep

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