भारत-अमरीका अफगानिस्तान में स्थिति पर समन्वय जारी रखने पर राजी

punjabkesari.in Saturday, Aug 21, 2021 - 11:44 AM (IST)

वॉशिंगटन : भारत-अमरीका अफगानिस्तान की स्थिति पर समन्वय जारी रखने पर राजी हुए हैं। इसको लेकर अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और भारत के उनके समकक्ष एस. जयशंकर ने इस हफ्ते में दूसरी बार अफगानिस्तान में स्थिति पर बृहस्पतिवार को चर्चा की। बातचीत के बाद ब्लिंकन ने ट्वीट किया कि डॉ. जयशंकर के साथ बृहस्पतिवार को अफगानिस्तान के बारे में सार्थक बातचीत की। उस समय जयशंकर ने काबुल में हवाईअड्डे का संचालन बनाए रखने की तात्कालिक जरूरत पर जोर दिया था।


जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सांझेदारों, खासतौर से अमरीका के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अभी हमारे सामने अपने नागरिकों को स्वदेश लाने का मुद्दा है। भारत के मामले में भारत के नागरिकों, अन्य देशों की अपनी चिंताएं हैं।  

अगले वर्ष संयुक्त सुरक्षा परिषद की सी.टी.सी. की अध्यक्षता करेगा भारत
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि भारत अगले साल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद-रोधी समिति (सी.टी.सी.) के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेगा। 

जयशंकर ने चीन-पाक को दिया कड़ा संदेश
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है और विश्व को तालिबान के यारों से खबरदार रहने को कहा है


फैलेगा आतंकवाद का साया! अल कायदा ने तालिबान को दी अफगानिस्तान जीतने की बधाई
काबुल: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद आतंकवाद के पैर पसारने का डर बढ़ गया है। आतंकी संगठन अरब प्रायद्वीप अल कायदा (ए.क्यू.आई.पी.) ने तालिबान को अफगानिस्तान जीतने के लिए बधाई दी है। उन्होंने अमरीकी सेना और अशरफ गनी सरकार को बेदखल करने के बाद काबुल पर सैन्य बल के साथ कब्जा करने के लिए अपने साथी आतंकवादी समूह तालिबान की प्रशंसा की है। उन्होंने एक बयान में सुन्नी पश्तून समूह को उसकी जीत और देश की मुक्ति के लिए बधाई दी है।

 

काबुल में शांतिपूर्ण रही जुम्मे की नमाज
काबुल : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में जुम्मे की नमाज शांतिपूर्ण रही और कोई भी तालिबानी बंदूकधारी मस्जिदों के प्रवेश द्वार पर नहीं दिखा। तालिबान के सदस्य ऐसी ड्रैस कोड पाबंदियां लागू कराते हुए भी नहीं दिखे, जैसी वे पहले करते रहे हैं। कुछ मस्जिदों में सामान्य की तुलना में ज्यादा संख्या में नमाजी पहुंचे। तालिबान ने बृहस्पतिवार को अफगानिस्तान के इमामों को दिशा-निर्देश दिया था कि वे साप्ताहिक उपदेश और नमाज के दौरान एकता की अपील करें, लोगों से देश छोड़कर नहीं भागने के लिए कहें और उनके बारे में ‘नकारात्मक दुष्प्रचार’ का विरोध करें।

पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइन ने काबुल के लिए उड़ानें फिर शुरू कीं
काबुल: पाकिस्तान सरकार द्वारा संचालित एयरलाइन ने अफगानिस्तान में फंसे पाकिस्तानी और विदेशी नागरिकों की निकासी के वास्ते काबुल के लिए विशेष उड़ानों का संचालन फिर से शुरू कर दिया है। सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट किया कि पाकिस्तान इंटरनैशनल एयरलाइंस (पी.आई.ए.) पाकिस्तानियों और विदेशियों को अफगानिस्तान से निकालने में मदद कर रहा है।
अफगान संकट के बीच पाकिस्तान ने नए शरणार्थी कैंप लगाने का फैसला किया है। इस पहले पाकिस्तान में 30 लाख अफगान शरणार्थी रह रहें हैं। जिसके चलते  तालिबान राज की कीमत पाकिस्तान को अर्थव्यवस्था में घाटा खाकर चुकाएंगा।


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vasudha

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