भारत-अमेरिका ने ‘2+2'' वार्ता से पहले हिंद-प्रशांत और क्षेत्रीय मद्दों पर की चर्चा

punjabkesari.in Saturday, Oct 09, 2021 - 04:13 PM (IST)

 वाशिंगटन: भारत और अमेरिका ने अपनी फलती-फूलती रक्षा साझेदारी और एक स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत को बनाए रखने के लिए समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की। अमेरिका रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने बताया कि दोनों देशों के अधिकारियों ने इस साल के अंत में होने वाली ‘टू-प्लस-टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता का आधार तैयार करने के लिए एक बैठक की। शुक्रवार को हुई बैठक की सह-अध्यक्षता रक्षा सचिव अजय कुमार और नीति के लिए अवर रक्षा मंत्री कॉलिन कहल ने की।

 

पेंटागन ने कहा कि अमेरिका-भारत रक्षा नीति समूह की 16वीं बैठक ने इस साल के अंत में होने वाली महत्वपू्र्ण  ‘2+2' मंत्रिस्तरीय वार्ता का आधार तैयार किया। इसके साथ ही अमेरिका और भारत ने प्रमुख रक्षा भागीदारी में एक नया अध्याय शुरू किया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल एंटन टी सेमलरॉथ ने कहा, “वार्ता ने द्विपक्षीय प्राथमिकताओं की एक महत्वाकांक्षी व्यवस्था को आगे बढ़ाया जिसमें सूचना-साझेदारी, उच्च गुणवत्ता का समुद्री सहयोग, साजो-सामान और रक्षा व्यापार शामिल है, जो अमेरिका और भारत के बीच फलते-फूलते रक्षा संबंधों को दर्शाता है।” उन्होंने बताया कि अमेरिकी और भारतीय अधिकारियों ने दक्षिण एशिया और हिंद महासागर क्षेत्र सहित साझा हित के क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

 

उन्होंने स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को बनाए रखने के लिए समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर भी चर्चा की। सेमलरॉथ ने कहा, “नेताओं ने अंतरिक्ष और साइबर जैसे नए रक्षा क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने सहित एक साथ निर्बाध रूप से अधिक काम करने के लिए अमेरिका और भारतीय सेनाओं के बीच संयुक्त सहयोग और साथ मिलकर काम करने की क्षमता को गहरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया।” विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने पिछले महीने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच ‘टू-प्लस-टू' वार्ता इस साल नवंबर में होगी ।

 

इसकी पिछली बैठक नयी दिल्ली में हुई थी और अगली बैठक अमेरिका द्वारा आयोजित की जानी है। बातचीत दोनों पक्षों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच होती है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले महीने क्वाड नेताओं के पहले-प्रत्यक्ष मौजूदगी वाले शिखर सम्मेलन की मेजबानी की, जिसने स्वतंत्र, खुले, समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रयास करने की प्रतिबद्धता जताई। इससे चीन को स्पष्ट तौर पर एक संदेश दिया गया। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है। वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन, ब्रुनेई और ताइवान भी इसपर अपना-अपना दावा करते हैं। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Recommended News

Related News