5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था पीएम मोदी का सपना, 2025 तक करेंगे हासिल: गोयल

punjabkesari.in Saturday, Jan 09, 2021 - 02:54 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत 2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपने समूचे पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत कर रहा है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को यह बात कही। गोयल ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है। ‘हम तेज संरचनात्मक सुधारों से इस लक्ष्य को हासिल करेंगे।'

नए बाजारों में संभावनाएं तलाशी जा रही
गोयल ने कहा, ‘हम अपनी गुणवत्ता, उत्पादकता, दक्षता में सुधार के लिए साथ-साथ काम कर रहे हैं। इससे भारतीय उद्योग हमारे निर्यात का विस्तार कर सकेगा। यह वास्तव में बड़ा, बेहतर और व्यापक हो सकेगा।' मंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारतीय उत्पादों की पहुंच बढ़ाने के लिए आक्रामक तरीके से नए बाजारों में संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। गोयल ने कहा, ‘विदेश में रहने वाले भारतीयों को उपभोक्ता बाजार की अधिक समझ है। आप उपभोक्ता व्यवहार को गहराई से समझते हैं और भारतीय उद्योग को विदेशी बाजारों के अनुरूप उत्पाद का विकास करने में मदद कर सकते हैं।'

यही आत्मनिर्भर भारत का सिद्धान्त है
मंत्री ने कहा कि कोविड-19 से पैदा हुई दिक्कतों के बाद सभी को समझ आ गया है कि कुछ बड़ा करने का साहस होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो वैश्विक स्तर पर अगुवाई करने की अपनी क्षमता गंवा देंगे। यही आत्मनिर्भर भारत का सिद्धान्त है। यह अपने दरवाजे बंद करना नहीं, बल्कि अपने दरवाजे को और अधिक खोलना है। इससे भारत अपनी क्षमता और दक्षता का निर्माण कर सकेगा और अपनी रफ्तार, कौशल और स्तर से जुझारू बन सकेगा।'

संरचनात्मक सुधारों से लक्ष्य को करेंगे हासिल
गोयल ने कहा कि तेज संरचनात्मक सुधारों से भारत अपने पूरे पारिस्थतिकी तंत्र को मजबूत कर रहा है ताकि 2025 तक प्रधानमंत्री के 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के सपने को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘हम कारोबार शुरू करने में सुगमता, कारोबार सुगमता और अपने कारोबार को आगे बढ़ाने की सुगमता पर काम कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और देश और विदेश में भारतीयों के लिए बड़े अवसर उपलब्ध करा रहा है। ‘हम चाहते हैं कि दुनियाभर में हमारे भाइयों और बहनों को इन अवसरों का लाभ सबसे पहले मिले।'

 

 


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rajesh kumar

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