भारत के संपर्क अभियान से पड़ोसी देशों नेपाल-बांग्लादेश को हो रहा लाभ

punjabkesari.in Sunday, Apr 17, 2022 - 04:50 PM (IST)

 इंटरनेशनल डेस्कः  भारत के संपर्क अभियान से पड़ोसी देशों को बहुत लाभ मिल रहा है।  भारत ने हमेशा दक्षिण एशिया में अपने पड़ोसी देशों के बीच बेहतर संपर्क पर जोर दिया है, खासकर नेपाल और बांग्लादेश के साथ। भारत और नेपाल के बीच बेहतर कनेक्टिविटी का हालिया विकास बिहार में जयनगर और नेपाल में कुर्था के बीच 35 किमी लंबी सीमा पार रेल लिंक पर ट्रेन सेवा थी। इससे कनेक्टिविटी आसान होगी और दोनों पड़ोसी देशों के लोगों को फायदा होगा। यह एक बहुआयामी रणनीति है। यह भारत की नेबरहुडफर्स्ट नीति का हिस्सा है।

 

भारत ने पड़ोस के साथ संपर्क बनाने के इस प्रयास में बिजली नेटवर्क, बंदरगाहों का उन्नयन, रेल और हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है और नई पाइपलाइन बिछाई है। यह चीनी लोगों की तुलना में बहुत अधिक उदार मॉडल है। भारतीय मॉडल किसी भी देश को कर्ज के जाल में नहीं डालता। सचिव स्तर पर पड़ोसी देशों पर अंतर-मंत्रालयी समन्वय समूह (IMCG) की पहली बैठक 12 अप्रैल को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला द्वारा बुलाई गई थी। IMCG को भारत के 'पड़ोसी पहले' को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक उच्च स्तरीय तंत्र के रूप में स्थापित किया गया है। 

 

बैठक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर व्यापार और निवेश, संपर्क, सीमा अवसंरचना, आव्रजन, विकास सहयोग, दूसरों के बीच सीमा सुरक्षा पर चर्चा की गई। ऑल इंडिया रेडियो की एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार, भारत द्वारा नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और म्यांमार के साथ सीमाओं पर व्यापार और गतिशीलता की सुविधा के लिए नए एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) का निर्माण या विस्तार किया गया है। नेपाल और बांग्लादेश में आवागमन के लिए अंतर्देशीय जलमार्ग अवसंरचना विकसित की गई है। बांग्लादेश के साथ रेलवे कनेक्शन की संख्या कई गुना बढ़ गई है।


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Content Writer

Tanuja

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