अब म्यांमार से हो रही है सबसे ज्यादा सोने की तस्करी, 37 फीसदी म्यांमार के रास्ते भारत पहुंचा

punjabkesari.in Thursday, Dec 08, 2022 - 04:46 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत में सोने की सबसे ज्यादा तस्करी अब म्यांमार से होने लगी है है। साल 2021-22 में देश में डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने तस्करी से जरिए भारत में लाया गया जितना सोना पकड़ था, उसमें से 37 फीसदी म्यांमार के रास्ते भारत पहुंचा था। देश में पकड़े गए अवैध सोने में से 20 फीसदी सोना मिडल ईस्ट यानी खाड़ी देशों से आया था। तस्करी के जरिए भारत आए सोने में सात फीसदी बांग्लादेश के रास्ते भारत पहुंचा था। इसी तरह 36 फीसदी सोना अन्य देशों से तस्करी के जरिए भारत पहुंचा था।

2021-22 स्मगलिंग इन इंडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल में देश में सोने की तस्करी के मामले बढ़े हैं। पिछले साल तस्करी के कुल 160 मामले पकड़े गए थे। इनमें कुल 833.07 किलो सोना पकड़ा गया जिसकी कीमत 405.35 करोड़ रुपये है। 2020-21 और 2021-22 में डीआरआई ने जितना सोना पकड़ा, उसमें से ज्यादातर म्यांमार से तस्करी के जरिए लाया गया था। 2019-20 में यह तमगा मिडिल ईस्ट के पास था। 

देश में सोने की तस्करी में एक नया ट्रेंड देखने को मिला है। कूरियर के जरिए सोने की तस्करी बढ़ी है। इसकी वजह यह है कि कोरोना काल में इंटरनेशनल फ्लाइट्स बंद थी और लोगों का विदेश आना-जाना बंद था। सोने की तस्करी के लिए तस्कर नए-नए तरीके अपना रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 16 जुलाई, 2021 में यूएई से दिल्ली आए चार कूरियर पार्सल न्यू कूरियर टर्मिनल में पकड़े गए। इमें ऑटो और दूसरी मशीनरी के कल-पुर्जे थे। लेकिन गहराई से जांच में इसमें से 16.79 किलो सोना निकला जिसकी कीमत 8.07 करोड़ रुपये थी। इस सोने को गलाकर मशीनों के बीच छिपाकर रखा गया था।

कोरोना काल में एयर ट्रैफिक बंद होने से जमीन के रास्ते (रोड और रेल) सोने की तस्करी बढ़ी है। इसमें से अधिकांश सोना म्यांमार के रास्ते भारत पहुंचा। भारत और म्यांमार की सीमा की निगरानी करना बहुत मुश्किल है और तस्कर इसी बात का फायदा उठाते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार सीमा से लगते मणिपुर के तामू-मोरेह-इंफाल रूट और मिजोरम के जोखटवार रूट से देश में सोने की सबसे ज्यादा तस्करी हो रही है। हालांकि डीआरआई ने इन रूट्स पर निगरानी बढ़ाई है जिससे बड़ी मात्रा में सोना पकड़ा गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल में कई लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी थी। खासकर खाड़ी देशों में असंगठित और कम वेतन वाले सेक्टर्स में काम करने वाले प्रवासी भारतीय बड़ी संख्या बेरोजगार हो गए। एयर ट्रैफिक शुरू होते ही इनमें से कई लोगों ने स्वदेश का रुख किया। दलालों ने इस मौके का फायदा उठाया। उन्हें लालच देकर सोने की तस्करी कराई गई। यह सोना पेस्ट और पाउडर के रूप में था। इनमें से कई लोग पकड़े गए। उनके पास से बहुत कम मात्रा में सोना पकड़ा गया।

इसी तरह 12 मई, 2022 को डीआरआई ने ऑपरेशन गोल्डन टैप चलाया। इसमें चीन से सोने की तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया गया। यह गिरोह चीन के ग्वांगझू से सोने की तस्करी कर रहा था। यह दावा किया गया था कि इसमें ट्राएंगल वॉल्व्स है। इनमें सोने की चालाकी के साथ छिपाया गया था। वॉल्व का एक हिस्सा सोने से बना था लेकिन इस पर निकल की परत चढ़ाई गई थी। वॉल्व का बाकी हिस्सा स्टील से बना था। इस तरह की एक खेप से 61 किलो से अधिक सोना बरामद किया गया। इसकी कीमत 31.2 करोड़ रुपये है।

रिपोर्ट के मुताबिक डीआरआई ने विदेशी तस्करों को पकड़ने के लिए 19 नवंबर, 2021 को एक अभियान चलाया था। इसे मोल्टन मेटल नाम दिया गया था। एजेंसी को सूचना मिली थी कि इस काम में चीन, ताइवान और साउथ कोरिया के नागरिक शामिल हैं। ये लोग हॉन्ग कॉन्ग से एयर कार्गो रूट से सोने की तस्करी करते थे। इसे मशीनरी पार्ट्स के रूप में मंगाया जा रहा था और फिर यहां इसे बार में बदलकर मार्केट में खपाया जा रहा था। सर्च ऑपरेशन के दौरान पता चला कि छतरपुर और गुरुग्राम में तस्करी के जरिए लाए गए सोने से बार बनाने का गोरखधंधा चल रहा है। इसमें चार विदेशी नागरिक पकड़ में आए। इनमें से दो दक्षिण कोरिया के और एक-एक चीन और ताइवान का था। 


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Content Writer

Anil dev

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