चीनी जहाज के श्रीलंका प्रवेश पर बोले जयशंकर- पड़ोसी देशों में सुरक्षा मुद्दों पर भारत की पैनी नजर

punjabkesari.in Thursday, Aug 18, 2022 - 12:03 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः चीनी अनुसंधान पोत के श्रीलंका में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह पर लंगर डालने के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत की अपने पड़ोस में सुरक्षा पर असर डालने वाले हरर घटनाक्रम पर पैनी नजर है। उन्होंने मंगलवार को श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर मिसाइल एवं उपग्रह ट्रैकिंग पोत ‘युआन वांग 5' के लंगर डालने के बारे में पूछे जाने पर यह टिप्पणी की। जयशंकर भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की 9वीं बैठक में भाग लेने के लिए मंगलवार को यहां पहुंचे। संयुक्त आयोग की बैठक के बाद थाईलैंड के अपने समकक्ष डोन प्रमुदविनई के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल पर जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारे पड़ोस में जो कुछ भी होता है, कोई भी घटनाक्रम, जिसका हमारे सुरक्षा मुद्दों पर प्रभाव पड़ता है, उस पर हमारी नजर रहती है।''

 

जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कुछ समय पहले एक प्रवक्ता ने कहा था, हम स्पष्ट रूप से किसी भी घटनाक्रम की बहुत सावधानी से निगरानी करते हैं, जिसका हमारे हितों पर असर पड़ता है। '' श्रीलंकाई अधिकारियों ने कहा है कि चीनी पोत 22 अगस्त तक दक्षिणी श्रीलंकाई बंदरगाह पर रहेगा। पोत मूल रूप से 11 अगस्त को चीनी संचालित बंदरगाह पर पहुंचने वाला था, लेकिन श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा अनुमति के अभाव में इसमें देरी हुई। भारत की चिंताओं के बीच श्रीलंका ने चीन से पोत की यात्रा टालने को कहा था।

 

शनिवार को, कोलंबो ने 16 से 22 अगस्त तक पोत को बंदरगाह तक पहुंच इस शर्त के साथ प्रदान की कि वह केवल श्रीलंका के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) के भीतर स्वचालित पहचान प्रणाली (एआईएस) को चालू रखेगा और कोई वैज्ञानिक अनुसंधान नहीं किया जाएगा। चीन का कहना है कि पोत का इस्तेमाल वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किया जाता है, लेकिन अमेरिकी रक्षा विभाग का कहना है कि पोत चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की कमान के अंतर्गत है और उपग्रहों और मिसाइल प्रक्षेपणों को ट्रैक करने में सक्षम है। चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि पोत ‘अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार' वैज्ञानिक अनुसंधान कर रहा है। 

 

जयशंकर ने थाईलैंड के साथ 2 समझौतों पर किए हस्ताक्षर
जयशंकर ने थाईलैंड के अपने समकक्ष डोन प्रमुदविनई के साथ बुधवार को ‘‘सार्थक'' बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा एवं रक्षा, संपर्क और स्वास्थ्य क्षेत्र में द्विपक्षीय संपर्कों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। जयशंकर भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की नौवीं बैठक में भाग लेने के लिए मंगलवार को यहां पहुंचे। जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए सार्थक बातचीत। राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा एवं रक्षा, संपर्क (कनेक्टिविटी) और स्वास्थ्य क्षेत्रों में संपर्कों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की गई।'' मंत्री ने म्यांमार की स्थिति पर भी चर्चा की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भारत का दृष्टिकोण साझा किया।  बैठक के बाद, दोनों पक्षों ने दो समझौता ज्ञापनों पहला स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान सहयोग और दूसरा प्रसार भारती और थाईलैंड सार्वजनिक प्रसारण सेवा के बीच प्रसारण पर सहयोग के  समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। बाद में जयशंकर ने संयुक्त रूप से अपने थाईलैंड के समकक्ष प्रमुदविनई के साथ बैंकॉक में भारतीय दूतावास निवास परिसर का उद्घाटन भी किया। 

 
किसी देश की ‘सॉफ्ट पावर' समाज की रचनात्मक आकांक्षाओं का दर्पणः जयशंकर
 विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि किसी देश की बौद्धिक एवं सांस्कृतिक शक्ति (सॉफ्ट पावर) उसके समाज की रचनात्मक आकांक्षाओं को दर्शाती है और सरकार उसे आगे बढ़ाने में ही मदद कर सकती है। उन्होंने देश की बौद्धिक एवं सांस्कृतिक ताकत को और अधिक बढ़ाने के लिए विश्व स्तर पर बाजरा, आयुर्वेद, योग और पारंपरिक चिकित्सा के रूपों को बढ़ावा देने के भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला। जयशंकर भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की नौवीं बैठक में भाग लेने के लिए मंगलवार को यहां पहुंचे और उन्होंने एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की। जयशंकर ने एक 16 वर्षीय थाई-भारतीय लड़की के सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘यह समाज संचालित गतिविधि है। ‘सॉफ्ट पावर' की विशेषता यह है कि यह ‘सॉफ्ट' होती है क्योंकि यह सरकार द्वारा संचालित नहीं होती है। यह समाज की रचनात्मक आकांक्षाओं को दर्शाती है।''  


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Content Writer

Tanuja

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