चीन को बड़ा झटका देने की तैयारी में भारत-जापान और ऑस्ट्रेलिया, ड्रैगन को मिलेगा कड़ा जवाब

punjabkesari.in Friday, Jun 26, 2020 - 11:18 AM (IST)

नेशनल डेस्कः लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर पिछले कई दिनों से चले आ रहे विवाद के चलते दोनों देसों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इतना ही नहीं गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद 20 भारतीय जवान बी शहीद हो गए। ऐसे में चीन के आक्रामक रवैये को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2021 के लिए लाए गए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकारण (NDA) कानून में गुआम के अमेरिकी प्रशांत क्षेत्र में भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के लिए लड़ाकू विमान प्रशिक्षण टुकड़ी स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है। इस कदम से छह महीने पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और सिंगापुर के रक्षा मंत्री हंग एंग हेन ने गुआम में सिंगापर के लिए लड़ाकू विमान प्रशिक्षण टुकड़ी स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।

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इस प्रस्ताव के तहत तीनों देशों के लड़ाकू विमान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनात किए जाएंगे और ड्रैगन पर कड़ी नजर रखी जाएगी। 1 अक्तूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021 के लिए NDA कानून की विषयवस्तु को वीरवार को संसद के समक्ष रखा गया। यह कानून रक्षा मंत्री को जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत को शामिल करने के लिए सिंगापुर के साथ किए गए समझौते की ही तरह अमेरिका के अन्य सहयोगियों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझेदारों के साथ समझौतों की संभावना की व्यवहार्यता एवं गुणवत्ता का आकलन करती हुए रिपोर्ट कांग्रेस की रक्षा समितियिों को सौंपने का निर्देश देता है।अमेरिकी-सिंगापुर ज्ञापन सिंगापुर गणराज्य वायु सेना के लड़ाकू विमानों एवं संबंधित कर्मियों की करीब एक सैन्य टुकड़ी के लिए है। प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर की उपस्थिति 2029 के आस-पास दर्ज होनी शुरू होगी।

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क्या है विधेयक में
संसद की सशस्त्र सेवा समिति के प्रमुख, सीनेटर जिम इनहोफे ने कहा कि इस विधेयक में प्रशांत निरोधक पहल का भी जिक्र किया है जो हिंद-प्रशांत पर संसाधनों पर केंद्रित होगी। इसमें सैन्य क्षमता के प्रमुख अंतरों की पहचान, अमेरिकियों सहयोगियों एवं साझेदारों को आश्वस्त करना और अमेरिका की विश्वसनीयता को बढ़ाने जैसे मुद्दे शामिल होंगे। विधेयक में 48 लंबी दूरी की पोत रोधक मिसाइलों (एलआरएएसएम) की खरीद का भी प्रस्ताव है जिनके बारे में कहा गया कि ये खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उपयोगी होंगे। रक्षा मंत्रालय ने इस क्षेत्र को अपनी प्राथमिकता बताया है। एनडीएए में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एफ-35ए संचालन स्थलों को स्थापित करने के अमेरिकी प्रयासों में तेजी लाने का भी प्रस्ताव देता है।

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Seema Sharma

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