''Twitter पर यूजर्स के कंटेट हटाने, जासूसी करने का दबाव''..इस मामले में भारत भी पीछे नहीं

punjabkesari.in Friday, Jul 29, 2022 - 04:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच वैश्विक स्तर पर भारत ने ट्विटर पर सत्यापित पत्रकारों और मीडिया संस्थानों द्वारा पोस्ट की गई सामग्री को हटाने की कानूनी मांग सबसे ज्यादा की। माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ने अपनी हालिया पारदर्शिता रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्विटर खातों से जुड़ी जानकारी मांगने में भारत सिर्फ अमेरिका से पीछे था। वैश्विक स्तर पर मांगी गई जानकारी में उसकी हिस्सेदारी 19 फीसदी थी।

 

रिपोर्ट के अनुसार, भारत जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच सभी तरह के उपयोगकर्ताओं के मामले में सामग्री को प्रतिबंधित करने का आदेश देने वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल था। ट्विटर ने बताया कि जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच उसे दुनियाभर से सत्यापित पत्रकारों और मीडिया संस्थानों से जुड़े 349 अकाउंट पर मौजूद सामग्री को हटाने की कानूनी मांग हासिल हुई। 

 

भारत ने इतनी बार दर्ज कराई आपत्ति

कंपनी के मुताबिक, जिन अकाउंट की सामग्री पर आपत्ति दर्ज कराई गई, उनकी संख्या पूर्व की अवधि (जनवरी से जून 2021) से 103 फीसदी अधिक है। ट्विटर के अनुसार, इस वृद्धि के लिए मुख्य रूप से भारत (114), तुर्की (78), रूस (55) और पाकिस्तान (48) द्वारा दाखिल कानूनी आपत्तियां जिम्मेदार हैं। मालूम हो कि भारत जनवरी से जून 2021 के बीच की अवधि में भी इस सूची में शीर्ष पर था। उस अवधि में ट्विटर को वैश्विक स्तर पर हासिल ऐस‍ी कानूनी मांगों में से 89 भारत से जुड़ी थीं। ट्विटर ने कहा कि ‘कानूनी मांगों' में सामग्री हटाने से संबंधित अदालती आदेश और अन्य औपचारिक मांगें शामिल हैं, जो सरकारी निकायों और व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ताओं से प्राप्त होती हैं। बिना कोई विवरण देते हुए कंपनी ने बताया कि 2021 की दूसरी छमाही में वैश्विक स्तर पर प्रमाणित पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के 17 ट्वीट हटाए गए, जबकि साल की पहली छमाही में ऐसे ट्वीट की संख्या 11 थी। 

 

राहुल गांधी का यह ट्वीट भी हटाया

ट्विटर ने बताया कि उसे भारत के राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से एक नाबालिग के निजता संबंधी मुद्दों को लेकर उससे जुड़ी सामग्री हटाने की कानूनी मांग हासिल हुई है। हालांकि, कंपनी ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उसका संदर्भ कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पिछले साल अगस्त में किए गए ट्वीट को लेकर माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की शिकार एक नाबालिग दलित लड़की के माता-पिता से अपनी मुलाकात की तस्वीर साझा की थी। ट्विटर ने कहा, “भारतीय कानून के मुताबिक एक वरिष्ठ राजनेता द्वारा किए गए ट्वीट को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था।” जून से 2021 के बीच ट्विटर को उपयोगकर्ताओं के अकाउंट से जुड़ी जानकारी मुहैया कराने के दूसरे सर्वाधिक सरकारी अनुरोध भी भारत से मिले। 

 

आपत्ति जताने में भारत दूसरे नंबर पर

कंपनी ने कहा, “इस अ‍वधि में अमेरिका से सबसे ज्यादा सरकारी सूचना अनुरोध प्राप्त हुए, जो वैश्विक स्तर पर हासिल अनुरोध का 20 प्रतिशत और निर्दिष्ट वैश्विक खातों का 39 फीसदी हैं।” ट्विटर के मुताबिक, “दूसरे सर्वाधिक सरकारी सूचना अनुरोध भारत से प्राप्त हुए, जो वैश्विक स्तर पर हासिल अनुरोध का 19 प्रतिशत और निर्दिष्ट वैश्विक खातों का 27 फीसदी हैं।” पारदर्शिता रिपोर्ट में बताया गया है कि जून से दिसंबर 2021 के बीच ट्विटर को भारत से 63 अतिरिक्त (पिछली अवधि से तीन फीसदी ज्यादा) यानि 2,211 नियमित अनुरोध मिले, जबकि इस अवधि में अनुरोधों के लिए निर्दिष्ट नियमित खातों की संख्या 205 (पिछली अवधि से तीन प्रतिशत अधिक) की वृद्धि के साथ 7,768 पर पहुंच गई। वैश्विक स्तर पर ट्विटर को 11,460 अनुरोध प्राप्त हुए।

 

भारत से की गई कानूनी मांगों का विवरण देते हुए ट्विटर ने बताया कि जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच दुनियाभर में सामग्री हटाने के लिए किए गए कुल 47,572 अनुरोध में से 3,992 यानि आठ प्रतिशत अनुरोध भारत से मिले थे। इनमें 23 अदालती आदेश और 3,969 अन्य कानूनी मांगें शामिल थीं। इस दौरान ट्विटर ने भारत में 88 अकाउंट और 303 ट्वीट पर रोक लगा दी। ट्विटर के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ‘सरकारी सूचना अनुरोधों' में कानून प्रवर्तन और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा खाते की जानकारी के लिए जारी आपातकालीन और नियमित कानूनी मांगें शामिल हैं। वहीं, ‘नियमित अनुरोध' (यानि गैर-आपातकालीन अनुरोध) में सरकार या कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा जारी कानूनी मांगें (मसलन समन, अदालती आदेश, तलाश वारंट) शामिल हैं, जो ट्विटर को अकाउंट की जानकारी साझा करने के लिए बाध्य करते हैं।


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Content Writer

Seema Sharma

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