विदेश मंत्री जयशंकर का बड़ा बयान- चौराहे पर खड़ा है भारत-चीन का रिश्ता

punjabkesari.in Friday, May 21, 2021 - 01:50 PM (IST)

नेशनल डेस्क: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का जिक्र करते हुए कहा कि भारत और चीन के संबंध चौराहे पर हैं और इसकी दिशा इस बात पर निर्भर करती है कि क्या पड़ोसी देश सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए विभिन्न समझौतों को पालन करता है। जयशंकर ने कहा कि प्रतिस्पर्धा करना एक बात है लेकिन सीमा पर हिंसा करना दूसरी बात है। विदेश मंत्री ने कहा कि मैं प्रतिस्पर्धा करने को तैयार हूं। यह मेरे लिए मुद्दा नहीं है। मेरे लिए मुद्दा यह है कि मैं संबंधों को किस आधार पर व्यवस्थित रखूं जब एक पक्ष इसका उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध 1980 और 1990 के दौरान सीमा पर स्थिरता के आधार पर संचालित रहे। जयशंकर ने कहा कि मेरे पास इस समय कोई स्पष्ट जवाब नहीं है लेकिन 1962 के संघर्ष के 26 साल बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी चीन गए थे।

 

1988 में एक तरह की सहमति बनी जिससे सीमा पर स्थिरता कायम हुई।'' उन्होंने कहा कि इसके बाद 1993 और 1996 में सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए दो महत्वपूर्ण समझौते हुए। विदेश मंत्री ने कहा कि इस समझौतों में यह कहा गया था कि आप सीमा पर बड़ी सेना नहीं लाएंगे और वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान किया जाएगा और इसे बदलने का प्रयास नहीं होगा। लेकिन पिछले साल चीन वास्तव में 1988 की सहमति से पीछे हट गया। उन्होंने कहा कि अगर सीमा पर शांति और स्थिरता नहीं होगी तब निश्चित तौर पर इसका संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा।

 

बता दें कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग सो इलाके में पिछले वर्ष हिंसक संघर्ष के बाद सीमा गतिरोध उत्पन्न हो गया था। इसके बाद दोनों पक्षों ने हजारों सैनिकों एवं भारी हथियारों की तैनाती की थी। सैन्य एवं राजनयिक स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने इस साल फरवरी में पैंगोंग सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों एवं हथियारों को पीछे हटा लिया था।


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Content Writer

Seema Sharma

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