गलवान घाटी में पीछे हटीं भारत-चीन सेनाएं, 6 जून को होगी वार्ता

punjabkesari.in Thursday, Jun 04, 2020 - 05:25 AM (IST)

नई दिल्लीः लद्दाख में पिछले कुछ दिनों से भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद में नया मोड़ आ गया है। एक बार फिर भारत ने ड्रैगन को घुटनों पर ला दिया है। खबर आ रही हैं कि चीन सेना पीपुल्स लिवरेशन आर्मी (PLA) गलवान घाटी से 2 किमी पीछे हट गई है, जबकि भारत की सेना भी 1 किमी अंदर आ गई है। दरअसल, पैगांग झील के फिंगर 4 इलाके में दोनों देशों की सेनाओं के कैंप है।
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भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडर पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर करीब पिछले एक महीने से चली आ रही तनावपूर्ण स्थिति को सामान्य बनाने के बारे में शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। सेना के सूत्रों के अनुसार यह बैठक लद्दाख में चुशूल मोल्डो स्थित बाडर्र पर्सनल मीटिंग प्वाइंट पर होगी जो इस तरह की बैठकों के लिए लद्दाख में निर्धारित दो केन्द्रों में से एक है। बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर करेंगे जबकि चीन की और से उनके समकक्ष सैन्य अधिकारी बातचीत के लिए आयेंगे। मंगलवार को सेना की 3 डिवीजन के प्रमुख जो मेजर जनरल रैंक के अधिकारी हैं उन्होंने अपने चीनी समकक्ष के साथ इस मुद्दे पर बात की थी लेकिन यह बातचीत बेनतीजा रही थी। इसके बाद शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक का निर्णय लिया गया।          
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गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एक टेलीविजन चैनल के साथ बातचीत के बाद ट्विट कर कहा था, ‘‘चीन के साथ भारत की बातचीत चल रही है। बातचीत का सिलसिला चल रहा है इसलिए मैं संदेह व्यक्त नहीं करना चाहूँगा। बातचीत के ज़रिए यदि मुद्दा सुलझ जाता है तो इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। भारत का मस्तक किसी भी सूरत में झुकेगा नहीं।''  सिंह ने कहा कि यह समस्या दोनों देशों की अपनी अपनी धारणा के कारण हो रही है जिससे सीमा को लेकर मतभेद है और दोनों सेनाओं के सैनिक सीमा पर अच्छी खासी संख्या में जमा हो रखे हैं।
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सीमा को लेकर दोनों देशों के बीच एक व्यवस्था है कि एक दूसरे के सैनिक विवादास्पद क्षेत्र में डेरा नहीं डालेंगे। सैनिक गश्त करने आते हैं और चले जाते हैं। दोनों ओर के सैनिकों के बीच पिछले एक महीने के अंदर कम से कम तीन बार मामूली झड़प हो चुकी है जिससे तनाव की स्थिति बनी हुई है। दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा का एलाइनमेंट चाइना क्लेम लाइन आफ 1956 के तहत स्वीकार्य है। भारत और चीन के बीच 3488 किलोमीटर लंबी सीमा है लेकिन इसका निश्चित निर्धारण नहीं है।       


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Yaspal

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