शांति से सुलझेगा भारत- चीन सीमा विवाद, दोनों देश नहीं चाहते कोई टकराव

punjabkesari.in Sunday, Jun 07, 2020 - 01:44 PM (IST)

नेशनल डेस्क: लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत एवं चीन की सेनाओं में एक माह से जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने पर सहमति व्यक्त की गई है। विदेश मंत्रालय ने रविवार को बताया कि भारत और चीन के सैन्य कमांडर दोनों देशों के नेतृत्व के बीच हुए समझौते के साथ ही द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार पूर्वी लद्दाख में मौजूदा सीमा मसले को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने पर राजी हो गए हैं। 

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विदेश मंत्रलय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा गया कि भारत एवं चीन ने हाल के सप्ताहों में सीमावर्ती क्षेत्र में बनी स्थिति के समाधान के लिए कूटनीतिक एवं सैन्य चैनलों के माध्यम से संवाद बनाये रखा है। शनिवार को लेह स्थित सेना के कोर कमांडर और चीनी सैन्य कमांडर के बीच चुशुल -मोल्डो क्षेत्र में एक बैठक हुई जो सौहार्दपूर्ण एवं सकारात्मक माहौल में हुई। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि सीमा पर बनी स्थिति का विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों तथा दोनों देशों के नेतृत्व के बीच सहमति के आधार पर शांतिपूर्ण ढंग से समाधान हो, जिसमें माना गया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता भारत एवं चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। 

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विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों पक्षों ने माना कि यह भारत एवं चीन के राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ का वर्ष है इसलिये इस गतिरोध का शीघ्र समाधान होना हमारे संबंधों को आगे ले जाने में योगदान देगा। इसी भावना के अनुरूप दोनों पक्ष सैन्य एवं कूटनीतिक स्तर पर इस स्थिति के समाधान और सीमा पर शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए संपर्क बनाये रखेंगे। लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिन्दर सिंह के नेतृत्व में गये इस शिष्टमंडल में सेना के करीब 10 अधिकारी थे। चीन की ओर से दक्षिण शिन्जियांग सैन्य डिविजन कोर के कमांडर मेजर जनरल लियु लिन ने चीनी शिष्टमंडल का नेतृत्व किया। 

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विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्व एशिया) नवीन श्रीवास्तव और चीनी विदेश मंत्रालय में महानिदेशक वू च्यांगाओ के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बातचीत के बाद जारी एक बयान में कहा गया कि भारत एवं चीन के बीच शांतिपूर्ण, स्थिर एवं संतुलित संबंध वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। गत मंगलवार को सेना की तीसरी डिवीजन के प्रमुख जो मेजर जनरल रैंक के अधिकारी हैं, ने अपने चीनी समकक्ष के साथ इस मुद्दे पर बात की थी लेकिन यह बातचीत बेनतीजा रही। इसके बाद शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक का निर्णय लिया गया। इसके अलावा भी दोनों पक्षों के बीच विभिन्न स्तर के अधिकारियों की करीब आठ बैठकें हो चुकी हैं वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मुख्य रूप से तीन जगहों पर दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध है और करीब पिछले एक महीने से दोनों ने वहां अच्छी खासी संख्या में सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है। 


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vasudha

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