एडवांस टेक्नोलॉजी में प्रगति कर महाशक्ति बन सकता है भारत, पुणे में बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
punjabkesari.in Friday, Aug 27, 2021 - 04:51 PM (IST)
नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अगर भारत प्रौद्योगिकी में प्रगति कर लेता है तो वह महाशक्ति बन सकता है। वह यहां रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के ‘डीम्ड' विश्वविद्यालय डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी (डीआईएटी) में छात्रों और शोधकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को नवाचार और अनुसंधान में प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
It is not possible to make India a superpower without advanced or niche technology. We feel a sense of pride when we think of institutions like the DRDO: Defence Minister Rajnath Singh at the Defence Institute of Advanced Technology (DIAT) in Pune pic.twitter.com/qkmy78hlZN
— ANI (@ANI) August 27, 2021
उन्होंने कहा, "सशस्त्र बलों, उद्योगों और शिक्षाविदों के सामूहिक प्रयासों के जरिए अनुसंधान और नवाचार में प्रगति के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा कुछ पहल शुरू की गई हैं तथा यह केवल परस्पर समझ और ज्ञान और बेहतर प्रथाओं को साझा करके ही हो सकता है।'' सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने नयी प्रतिभाओं को जोड़ने और आकर्षित करने तथा क्षेत्र से सशस्त्र बलों के कर्मियों से अनुभव और जानकारी प्राप्त करने के लिए "आईडीईएक्स" (रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार) नामक एक मंच बनाया है क्योंकि इसका सुरक्षा महत्व है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने "आईडीईएक्स" के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
Many initiatives have been taken by the Defence Ministry, where representatives from military, academics, industry and government can come together on one platform to share knowledge and best practices that can help lead the way in path of innovation: Defence Minister in Pune pic.twitter.com/6V49PZly6C
— ANI (@ANI) August 27, 2021
इसके अलावा, सरकार ने 300 स्टार्टअप को समर्थन देकर ‘एयरोस्पेस' और रक्षा में अनुसंधान तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। अपनी हालिया नागपुर यात्रा का जिक्र करते हुए सिंह ने पांच महीने में एक निजी कंपनी द्वारा भारतीय सेना को एक लाख हथगोला की सफल आपूर्ति किए जाने का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कंपनी ने इंडोनेशिया को इसी तरह के हथगोले उच्च कीमत पर निर्यात किए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक हथगोले की भारत में कीमत 3,400 रुपये है और कंपनी ने इसी तरह के हथगोले इंडोनेशिया को 7,000 रुपये से अधिक कीमत पर निर्यात किए हैं। रक्षा मंत्री ने कहा, "मेरा कहना है कि अगर हम प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ते हैं, तो भारत एक महाशक्ति बन सकता है। देश एक आर्थिक महाशक्ति बन सकता है।" सिंह ने कोविड अनुसंधान क्षेत्र में नौ पेटेंट प्राप्त करने के लिए संस्थानों के प्रयासों की भी सराहना की।