क्या दूसरी पत्नी अपने मृतक पति की पेंशन की हकदार हो सकती है? जानें बम्बई हाईकोर्ट का फैसला

punjabkesari.in Wednesday, Feb 16, 2022 - 08:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बम्बई उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि दूसरी पत्नी अपने मृतक पति की पेंशन की हकदार नहीं हो सकती है, यदि पहली शादी को कानूनी तौर पर खत्म किये बिना ही यह (दूसरी) विवाह किया गया हो। न्यायमूर्ति एस जे कठवल्ला और न्यायमूर्ति जाधव की खंडपाीठ ने सोलापुर निवासी शामल टाटे की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने पेंशन का लाभ देने से सरकार के इनकार को चुनौती दी थी।

क्या है मामला
उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, टाटे के पति महादेव सोलापुर जिला कलेक्टर कार्यालय में चपरासी पद पर कार्यरत थे और उनका निधन 1996 में हो गया। महादेव ने जब दूसरी पत्नी से शादी की थी, उस वक्त वह शादीशुदा थे। महादेव की पहली पत्नी के कैंसर के कारण मर जाने के बाद दूसरी पत्नी टाटे ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि महादेव की बाकी पेंशन का उसे तत्काल भुगतान किया जाए।

2019 में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
काफी विचार विमर्श के बाद राज्य सरकार ने टाटे की ओर से 2007 और 2014 के बीच दी गयी चार अर्जियों को खारिज कर दिया था। उसके बाद टाटे ने 2019 में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उनकी दलील दी थी कि वह महादेव के तीन बच्चों की मां है और समाज में इस शादी के बारे में पता है। इसलिए वह पेंशन पाने की हकदार है, खासकर पहली पत्नी के मर जाने के बाद।

अदालत ने उच्चतम न्यायालय के विभिन्न फैसलों का हवाला दिया था जिसमें इसने कहा था कि हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत जब तक पहली शादी को कानूनी तौर पर खत्म नहीं किया जाता है, तब तक दूसरी शादी वैध नहीं होती। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता को पेंशन न देने का राज्य सरकार का फैसला सही था। राज्य सरकार ने कहा था कि केवल कानूनी तौर पर वैध पत्नी ही पेंशन की हकदार है। इसे साथ ही अदालत ने याचिका खारिज कर दी। 


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Content Editor

rajesh kumar

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