मानसून में अपने आपको इस तरह से रख सकते हैं स्वस्थ और सुरक्षित

punjabkesari.in Friday, Sep 25, 2020 - 03:39 PM (IST)

भारत के लिए मानसून बेहद महत्वपूर्ण मौसम है क्योंकि बारिश कृषि उत्पादों और फसलों की उपज को प्रभावित करती है। भारत में कई बांध, नदियां और जलाशय इस मौसम में बारिश के द्वारा दोबारा से जीवित हो जाते हैं। हालांकि यह भी सच है कि इस मौसम में टाइफाइड, हैजा, डायरिया, बैसिलरी और अमीबिक पेचिश और हेपेटाइटिस जैसी पानी से पैदा होने वाली जल जनित बीमारियों होने की संभावनाएं होती हैं। 

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले ही बता दिया है कि देश में पीने के पानी में प्रदूषण हैं और इससे सार्वजनिक रूप से स्वास्थ्य को हानि पहुंच सकती है। संगठन के अनुसार हर साल 98,000 से अधिक बच्चे दस्त और अन्य जल जनित बीमारियों से पीडि़त होते हैं। 2018 में चार प्रमुख जल-जनित बीमारियों यानि हैजा, टाइफाइड, एक्यूट डायरिया रोग और वायरल हेपेटाइटिस के कारण 2,439 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1.3 करोड़ से अधिक लोग इन बीमारियों के शिकार हुए। आमतौर पर हमारे घरों में नल का पानी पीने के लायक नहीं होता है। जल आपूर्ति अधिकारियों के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, हमारे घर तक पानी पहुंचने से पहले या वॉटर ट्रीटमेंट सुविधाओं पर अतिरिक्त बोझ के कारण पाइपलाइनों में बहने वाला पानी इसलिए दूषित हो जाता है क्योंकि पानी के स्रोतों में मानसून में बारिश के कारण उच्च स्तर के दूषित पदार्थ मिल जाते है। इस मौसम में अपने परिवार के स्वास्थ्य को खतरनाक बीमारियों से बचाने के तरीके को पढ़े।

 

दूषित स्रोतों के पानी के सेवन से सावधान रहें
जबकि आपके नल तक पहुंचने से पहले पानी एक कठोर उपचार प्रक्रिया से गुजरता है। इसके बाद, यह विभिन्न पुराने, अशुद्ध, लीक, और जीर्णशीर्ण पाइपों से गुजरता है। इसके अलावा, हमारे शहरों में प्रतिदिन 20 घंटे से अधिक समय तक ट्रिटेड वॉटर बिना वॉटर प्रेशर के होता है। पानी के बिना पाइपलाइनों में ढलान भी एक वैक्यूम बनाता है अगर और कोई लीकेज है तो उससे अनहेल्दी सामान अपनी ओर खींच सकता है। जल भराव के कारण मानसून में पाइपलाइनों में इस तरह की संभावनाएं अधिक होती हैं। इसलिए, आपके घर की पानी की टंकी में अशुद्धियाँ हो सकती हैं, जिन्हें एक साधारण नल फिल्टर नहीं हटा सकता है। यह पानी धोने या नहाने के लिए तो सकता है लेकिन पीने के लिए निश्चित रूप से सही नहीं है। अगर इस पानी को उबाल लिया जाए तो यह पानी पीने योग्य हो जाता है। अगर वॉटर प्यूरीफायर से आया हो भी सेवन योगय है। इसके अलावा वॉटर प्यूरीफायर के फिल्टर में हमेशा दूषित पदार्थ जमा होता रहता है। जिसे नियमित रूप से साफ रखने की आवश्यकता है ताकि शुद्घ पानी मिल सके।

 

अपने इम्यून सिस्टम पर ध्यान दें
मानसून के मौसम में लोग बीमार पडऩे लगते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है बारिश से जलभराव मच्छरों के पनपने की संभावना को बढ़ाता है जो खतरनाक बीमारियों का कारण बनते हैं। वहीं दूसरी ओर कई अहम जगहों से पानी के रिसाव के कारण पानी प्रदूषित हो जाता है। साथ ही यह मौसम कई तरह के सूक्ष्म जीवों को पैदा करने और उनमें वृद्धि  करने के लिए अनुकूल है। यह दूषित पानी या ऐसे पानी से तैयार भोजन को खाने से अधिक मात्रा में संचारी रोग होते हैं। अगर अधिक समय तक इस पानी या इससे बने भोजन का सेवन किया जाता है, तो लिवर, किडनी, मूत्राशय और फेफड़ों जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए, अपने घर के आसपास पानी जमा न होने दें या पानी में मिट्टी के तेल का डेल डालें। साथ ही, फुल-स्लीव के कपड़े पहनें और शरीर के अंगों पर मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें। एहतियात के तौर पर इस मौसम में घर का बना खाना खाना चाहिए और स्ट्रीट फूड से बचना चाहिए। खाना पकाने या उपभोग से पहले कच्चे फल और सब्जियों को स्वच्छ पानी से अच्छी तरह से साफ कर लें। इसके अलावा, इम्यूनिटी बूस्ट करने वाले खाद्य पदार्थ जैसे नट्स, हॉट सूप, प्रोबायोटिक्स, ब्रोकोली, हल्दी, लहसुन, अदरक, खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि का सेवन करें। इसके अलावा, नियमित रूप से अल्कलाइन पानी का सेवन करें। जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है और आपके इम्यून सिस्टम को भी बढ़ाता है।

 

स्वच्छता का पालन करें
महामारी और मानसून के मौसम में स्वच्छता बनाए रखना सर्वोपरि है। खाड़ी इलाकों में रहने वालों के लिए अतिरिक्त साफ सफाई रखने की जरुरत है क्योंकि यहां पर खतरनाक इंफेक्शन और रोग होने की संभावना रहती है। रोज नहाने के पानी में एंटीसेप्टिक की कुछ बूंदें डाल लें। घर पहुंचते ही नहाएं। सुनिश्चित करें कि आप अपने भोजन के पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें, वॉशरूम का उपयोग करने के बाद, छींकने, या खाँसी, पेटिंग, आदि सड़कों पर गंदे पानी में चलने से बचें और ऐसा होने पर, अपने पैरों को जल्द से जल्द धोएं। इसके अलावा गीली दीवारों से सावधान रहें क्योंकि वहां फंगस जमा हो जाती है, जिसमें कई तरह की बीमारियां होती हैं। 

 

घर पर नियमित व्यायाम करें
जैसा कि देश भर में महामारी के कारण जिम बंद हैं, ऐसे में आपको फिट और स्वस्थय रहने के लिए घर पर अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करना चाहिए।  जैसा कि आप बारिश के कारण नियमित रूप से अपने पैदल चलने या दौड़ नहीं लगा सकते हैं तो यह एक इनडोर साइकिल या ट्रेडमिल में निवेश करने का एक अच्छा समय हो सकता है क्योंकि वे आपको अपने फिटनेस शेड्यूल पर नजऱ रखने में मदद करेंगे। मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए घर पर सिंपल एक्सरसाइज जैसे पुश-अप्स, स्क्वाट्स और लंग्स का अभ्यास किया जा सकता है। आपको योग का अभ्यास भी करना चाहिए क्योंकि यह सांस की समस्याओं को कम करने में सहायक होता है जो मानसून के मौसम में एक आम बीमारी है।

 

पानी को शुद्द करने के एडवांस तरीको के लाभ 
आज के दौर में लोगों को पता नहीं होता की जो पानी वो इस्तेमाल कर रहे हैं वो हेल्दी है या नहीं या फिर वो इस्तेमाल करने के लायक भी है या नहीं। हम में से अधिकतर लोगों ने अपने घर में पनी को शुद्द करने के लिए  आरओ  सिस्टम लगाया हुआ है। हालांकि आरओ पानी को शुद्द करता है लेकिन साथ ही है पानी में मौजूद कई पोषक तत्वों और मिनरल्स को खत्म कर देता है। जिसके बाद पानी में पीएच लेवल कम हो जाता है जो कि पानी को खारा और अनफिट कर देता है। 
एल्केलाइन वाटर प्युरिफिकेशन सिस्टम जो पानी को शुद्द करने का सबसे एडवांस टेक्नॉलिजी है। यह तकनीक न केवल पानी को शुद्द करता है बल्कि पानी से अम्लीय तत्वों को बाहर निकालना है। वहीं इसमें पानी का जो वास्तविक मिनिरल होता है उसे भी बनाए रखता है। कहा जाता है कि सादा स्वच्छ पेयजल यानि कि एल्केलाइन वाटर के कई फायदे हैं।जिनमें  पाचन का बढ़ाना, हड्डियों को मजबूत करना, वजन कम करना, शरीर और त्वचा को अन्य विरोधी उम्र बढ़ने से रोकना जैसे गुणों के साथ शरीर को हाइड्रेटेड रखना शामिल है।

(डॉ. सुरेश सिसोदिया, सीनियर वाइस प्रेसीडेंट, हैवल्स इंडिया लिमिटेड)


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