दो बेटों की मौत से भी नहीं टूटे दादा, पोती को पढ़ाने को बेच दिया घर, वायरल हो रही ऑटो ड्राइवर की दिल
punjabkesari.in Saturday, Feb 13, 2021 - 05:32 AM (IST)
मुंबईः मुंबई में एक ऑटो ड्राइवर की दिल को छू जाने वाली कहानी सामने आई है। एक ऑटो ड्राइवर ने अपनी पोती को पढ़ाने के लिए अपना घर तक बेच दिया। बेटे की मौत के बाद उसके बच्चों और पत्नी की जिम्मेदारी संभाल रहे बुजुर्ग देसराज जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को दिए अपने इंटरव्यू में देसराज ने जब अपनी कहानी बताई तो सोशल मीडिया पर लोग भावुक हो गए। कई लोगों ने देसराज की मदद की भी इच्छा जताई है।
देसराज बताते हैं कि 6 साल पहले उनका एक बेटा लापता हो गया। वह काम पर घर से निकला था और कभी घर नहीं लौटा। एक हफ्ते बाद देसराज के 40 साल के बेटे का शव बरामद किया गया। देसराज ने बताया कि उन्हें तो अपने बेटे के गम में रोने तक का मौका नहीं मिला। परिवार की जिम्मेदारियों का भार जब उनके कंधे पर आया तो अगले ही दिन से वह ऑटो लेकर सड़क पर निकल पड़े। इसके दो साल बाद उनके दूसरे बेटे ने भी आत्महत्या कर ली।
देसराज पर बहू और अपने 4 पोते-पोतियों की जिम्मेदारी थी। जब उनकी पोती 9वीं में थी, तब उसने स्कूल छोड़ने की इच्छा जताई थी। तब देसराज ने अपनी पोती को आश्वस्त किया था कि वह जितनी पढ़ाई करना चाहे, करे। ज्यादा कमाने के लिए देसराज लंबी शिफ्ट में काम करने लगे। वह सुबह 6 बजे घर से निकलते और देर रात तक ऑटो चलाते थे। इससे उन्हें हर महीने 10 हजार की कमाई होती थी। देसराज बताते हैं कि इसमें से 6 हजार रुपये बच्चों की स्कूल की फीस में खर्च हो जाते हैं। बाकी के चार हजार में वह सात लोगों के परिवार का पेट भरते हैं।
देसराज ने बताया कि अधिकांश दिनों में हमारे पास खाने के लिए कुछ नहीं होता है। उन्होंने कहा कि इन सबकी कीमत तब अदा हो गई जब मेरी पोती ने 12वीं में 80 प्रतिशत अंक लाए थे। तब पूरे दिन उन्होंने ग्राहकों को फ्री में राइड दी थी। इसके बाद उनकी पोती ने दिल्ली के कॉलेज से बीएड करने की इच्छा जताई। देसराज जानते थे कि वह इसे अफोर्ड नहीं कर पाएंगे लेकिन उन्हें अपनी पोती का सपना किसी भी कीमत पर जरूर पूरा करना था।
Desraj is a Auto driver on streets of Mumbai! His 2 sons hv died in accident & suicide. He drives frm 6am in th morn to 10 pm to earn Rs10000 /month. You cn find him at Khar Danda naka, Auto no 160. His no is 08657681857. We need to reach out to help. RT pl & Mumbaikars pl help. pic.twitter.com/5zAm9TtgT5
— Archana Dalmia (@ArchanaDalmia) February 11, 2021
देसराज ने बताया कि इसके बाद उन्होंने अपना घर बेच दिया। उनकी पत्नी, बहू और बाकी पोते-पोतियां गांव में एक रिश्तेदार के घर रहने के लिए चले गए लेकिन वह मुंबई में ही रुक गए और ऑटो चलाने का अपना काम जारी रखा। देसराज ने बताया, 'एक साल हो गए और जिंदगी इतनी भी बुरी नहीं है। मैं अपने ऑटो में ही खाता और सोता हूं और दिन के समय लोगों को उनकी मंजिल पर पहुंचाता हूं।'
भावुक होकर देसराज कहते हैं कि उनके सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं जब उनकी पोती उन्हें फोन करती है और कहती है कि वह अपनी क्लास में फर्स्ट आई है। उन्होंने कहा, 'मुझसे उन दिन का इंतजार नहीं होता जब वह टीचर बन जाएगी और तब मैं उसे गले लगाकर कहूंगा कि मुझे तुम पर गर्व है। वह मेरे परिवार में पहली ग्रेजुएट होने जा रही है।' देसराज ने कहा कि ऐसा दिन आने पर वह एक बार फिर अपने ग्राहकों को फ्री राइड देंगे।
देसराज और उनकी कहानी ने सोशल मीडिया पर लोगों का दिल छू लिया है। कई लोग उन्हें मदद की पेशकश कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, 'यह कहानी सुनकर मेरा गला रुंध गया। इस उम्र में भी अपने परिवार के प्रति ऐसी उल्लेखनीय आस्था और जिम्मेदारी। ऐसी महान उदारता कि अपनी खराब आर्थिक स्थिति के बावजूद लोगों को फ्री राइड देने की पेशकश की।' एक अन्य यूजर ने उन्हें आर्थिक मदद देने की इच्छा जताई।
एक फेसबुक यूजर ने देसराज के लिए फंड रेजिंग स्टार्ट किया है। इसके तहत 276 लोगों से तकरीबन 5 लाख रुपये जुटाए गए हैं। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने भी इस स्टोरी को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। उन्होंने मुंबईकरों से देसराज को मदद देने की अपील की है।