ऊर्जा क्षमता के लिए जम्मू-कश्मीर में ऐतिहासिक समझौता : लोगों को मिलेगी चौबीस घंटे बिजली

punjabkesari.in Monday, Jan 04, 2021 - 08:43 PM (IST)

 जम्मू (कमल) : जम्मू और कश्मीर में ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने के लिए रविवार को एक ऐतिहासिक समझौता हुआ। जम्मू के कन्वैंशन सैंटर में बहुप्रतीक्षित मैगा हाईड्रो पावर प्रोजैक्ट 850 मैगावाट रैटले एच.ई.पी. और 930 मैगावाट किरथेई-2 के क्रियान्वयन के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। इसके अलावा लम्बे से पैंडिंग सावलकोट एच.ई.पी. (1856 मैगावाट), उड़ी-1 (स्टेच-2) (240 मैगावाट) और दुलहस्ती (स्टेज-2) (258 मैगावाट) के निष्पादन पर हस्ताक्षर किए गए। 


केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), नई एवं नवीकरणीय ऊर्जा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय राज कुमार सिंह, जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति में पॉवर डिवल्पमैंट डिपार्टमैंट (पी.डी.डी.) जेएंडके, नैशनल हाईड्रो इलैक्ट्रिक पॉवर कार्पोरेशन (एन.एच.पी.सी.) और जेएंडके पॉवर डिवल्पमैंट कार्पोरेशन के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर (एम.ओ.यू.) किया गया। जम्मू में पन बिजली परियोजनाओं के एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में बिजली की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी और जम्मू-कश्मीर देश का पहला पॉवर सरप्लस वाला प्रदेश बन जाएगा। इसके अलावा मैगा उद्घाटन समारोह के दौरान जेएंडके में अधिक से अधिक उत्पादन, कुशल प्रसारण और बिजली आपूर्ति के बेहतर वितरण के उद्देश्य से पी.डी.डी. की 19 महत्वपूर्ण परियोजनाओं को भी हरी झंडी दिखाई गई।

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पन बिजली परियोजनाओं के एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर के लिए आयोजित समारोह में केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार राज कुमार सिंह ने विद्युत क्षेत्र में विभिन्न सुधारों के लिए भारत सरकार के जम्मू-कश्मीर सरकार को हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हाइड्रो इलेक्ट्रिक क्षमता ने सिक्किम और हिमाचल प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में विकास के युग की सफलतापूर्वक शुरुआत की। जेएंडके को मॉडल अपनाना चाहिए। राष्ट्रीय औसत के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली 20 घंटे और शहरी क्षेत्रों में 22-23 घंटे है। उन्होंने कहा कि बिजली उत्पान के मामले में जम्मू-कश्मीर भी मील के पत्थर तक पहुंच जाएगा अगर विकास की गति को समान रखा जाए। स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें एन.एच.पी.सी. उपक्रमों में रोजगार दिया जाएगा। इसके अलावा एन.एच.पी.सी. छोटी पनबिजली परियोजनाओं के विकास को भी देखेगा। केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि हर घर 24&7 तक बिजली पहुंचाने के लिए अपनी ड्यूटी करनी होगी। 

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जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि किए गए समझौता ज्ञापनों में जम्मू-कश्मीर बिजली क्षेत्र के लिए 35000 करोड़ रुपये के निवेश और जेएंडके के लोगों को क्षेत्र की ऊर्जा सुरक्षा और 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी और 35 हजार करोड़ रुपये के निवेश से ऊर्जा के क्षेत्र में जम्मू कश्मीर आत्मनिर्भर हो जाएगा। एन.एच.पी.सी. के साथ सहयोग से परियोजनाओं का निर्माण होगा। एन.एच.पी.सी. की पहले की तीन परियोजनाओं की तरह नहीं होगा। पहले एम.ओ.यू. में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं रखा गया था कि परियोजनाएं जम्मू कश्मीर को वापस मिलेगी। अब बिलकुल साफ  है कि चालीस साल के बाद रटले और किरथेई परियोजनाएं जम्मू-कश्मीर को वापस मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से जम्मू कश्मीर को 13 फीसद बिजली निश्शुल्क मिलेगी। कहने का मतलब यह है कि 454 मेगावाट बिजली जम्मू कश्मीर को बिना पैसे के मिलेगी। सिन्हा ने कहा कि 1984 से यह परियोजना बंद पड़ी हुई है।

एक मैगावाट बिजली का उत्पादन भी नहीं हुआ। पन बिजली परियोजनाओं को लेकर देश में कई तरह की धारणा बन गई थी। लोग धरना और प्रदर्शन करते थे लेकिन अब पन बिजली परियोजाओं को लेकर देश में भरोसा कायम हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में दस प्रतिशत बिजली की सलाना मांग बढ़ जाती है। हम जम्मू कश्मीर में इसे 15 प्रतिशत लेकर चल रहे हैं। जम्मू कश्मीर में 3498 मैगावाट बिजली का उत्पादन करने पर उन्होंने अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए उप राज्यपाल सिन्हा ने आगे कहा कि विद्युत परियोजनाओं से जम्मू कश्मीर में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। हिमाचल प्रदेश और सिक्किम ने काफी दूरी तय कर ली है और इन दोनों प्रदेशों में पानी को कीमती मानकर संभाल कर रखा जाता था। उप राज्यपाल  ने कह कि पानी जम्मू-कश्मीर का ही है और यहीं रहेगा। एन.एच.पी.सी. नहीं ले जाने वाला है। सरकार का मकसद चौबीस घंटे बिजली उपलब्ध करना है। उपराज्यपाल ने कहा कि इस साल गर्मी में जम्मू में बिजली की कटौती की परेशानी पेश नहीं आएगी। हमारी कोशिश है कि अगले दो साल में जम्मू कश्मीर में लोगों को चौबीस घंटे बिजली उपलब्ध होगी। चौबीस घंटे बिजली उपलब्ध करवाने के अभियान में तेजी लाई जाएगी।


उप राज्यापल ने चुटकी लेते हुए कहा कि हाल ही में कश्मीर में एक अस्पताल के शिलान्यास के दौरान उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शिकायत की थी कि सर्दियों में कश्मीर में और गर्मी के दिनों में जम्मू में बिजली की किल्लत पैदा हो जाती है। जम्मू-कश्मीर की सरकार ने सर्दी के दिनों में पर्याप्त बिजली उपलब्ध करवाने के लिए काम किया है जिससे लोगों को बिजली मिली। 

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पिछले शासन में प्राप्त सभी मुद्दों को हल किए जाएंगे : डा. जितेंद्र सिंह 
पी.एम.ओ. के राज्य मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मैगा हाइड्रो पावर प्रोजैक्ट्स से न केवल रोजगार पैदा होगा बल्कि जम्मू-कश्मीर की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी। इन परियोजनाओं को प्रदेश के आम लोगों को समर्पित किया गया है।  पिछले शासन से विरासत में प्राप्त सभी मुद्दों को हल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ऊर्जा की पर्याप्तता और सभी क्षेत्रों में विकास की एक नई सुबह दिखाई देगी। बिजली विकास विभाग के प्रधान सचिव, रोहित कंसल ने अपने स्वागत भाषण में जम्मू-कश्मीर की जल विद्युत क्षमता का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि इस पहल से 3500 मैगावाट से अधिक ऊर्जा बढ़ेगी और इस तरह से जम्मू-कश्मीर को बिजली अधिशेष संघ शासित प्रदेश बनने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जलविद्युत में हमें प्राकृतिक लाभ है।

इसलिए हमें लोगों के लाभ के लिए इसका फायदा उठाने की जरूरत है। इस अवसर पर समारोह के दौरान सांसद जुगल किशोर शर्मा, शमशेर सिंह मन्हास, मेयर जम्मू नगर निगम चंद्र मोहन गुप्ता, उप राज्यपाल के सलाहकार बसीर अहमद खान, यूनियन सेक्रेटरी पॉवर जी.एन. सहाय, चीफ सेक्रेटरी जम्मू-कश्मीर बी.वी.आर. सुब्रहयम्ण्यम, मैनेजिंग डायरैक्टर एन.एच.पी.सी. अभय कुमार सिंह, चेयरमैन चिनाब वैली पॉवर प्रोजैक्ट लिमिटेड सुरेश कुमार, मैनेजिंग डायरैक्टर सी.वी.पी.पी.एल.ए.के. कुमार, मैनेजिंग डायरैक्टर जे.के.पी.डी.सी. राजा याकूब फारूक के अलावा गणमान्य लोगों, पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों, प्रशासनिक सचिवों, सिविल एवं पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। 


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Monika Jamwal

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