हरियाणा का 2025 में नई शिक्षा नीति लागू करने का प्रयास

punjabkesari.in Friday, Nov 25, 2022 - 06:24 PM (IST)

 

चण्डीगढ़, 25 नवंबर-(अर्चना सेठी) हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में व्यक्ति एवं राष्ट्र के निर्माण की परिकल्पना शिक्षक की भूमिका विषय पर आयोजित संगोष्ठी का बतौर मुख्यातिथि शुभारंभ करते हुए कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण विषय है। शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों की भूमिका पर भी मंथन होना चाहिए।
 

राज्यपाल ने भगत फूल सिंह को नमन करते हुए कहा कि मात्र तीन कन्याओं के साथ गुरूकुल की नींव रखी जो आज सात हजार छात्राओं वाले विश्वविद्यालय में तब्दील हो चुका है जो कि हर्ष का विषय है। भगत फूल सिंह की मृत्यु के बाद उनकी पुत्री सुभाषिनी ने पिता के संकल्प को पूरा करने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाये जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं। पिता-पुत्री ने नारी शिक्षा के लिए संघर्ष करते हुए जीवन समर्पित कर दिया। महिलाओं को भी शिक्षा का पूर्ण अधिकार है।

 

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि गुरू की जगह हमारे देश में मास्टर ने ले ली है। जीवन को बदलने व दिशा देने के साथ सही रास्ता दिखाने वाला गुरू होता है। अंग्रेज गए किंतु अंग्रेजी नहीं गई। इंग्लिश लोगों की मानसिक भावना आज भी काम कर रही है, जिसे बदलने के लिए नई शिक्षा नीति बनाई गई है। नई शिक्षा नीति के तीन मूल उद्देश्य हैं। शिक्षा रोजगारप्रदायक तथा वैज्ञानिक होनी चाहिए और चरित्र निर्माण होना चाहिए। साथ ही डिजिटिलाईजेशन को भी बढ़ावा दिया गया है। आज तकनीक और कंप्यूटर का युग है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया कि वे नई शिक्षा नीति के रूप में ऐसी शिक्षा नीति लेकर आये हैं जो चरित्र को बदल सकती है।              
 

राज्यपाल के अनुसार नई शिक्षा नीति में विशेष रूप से नई तकनीकों को शामिल किया गया है। आज उद्यमिता बहुत जरूरी है जो नवाचार से ही आएगी। आज के दौर में शोध की ओर आगे बढऩा चाहिए। शोध से गुणवत्ता बढ़ेगी। गुणवत्ता बढ़ेगी तो दाम बढ़ेंगे और नौकरी के अवसरों का सृजन होगा। नई शिक्षा नीति के मूल में है कि शिक्षा पूर्ण होने के बाद क्या करेेंगे। इसलिए स्किल डेवल्पमेंट पर जोर दिया गया है ताकि हमारे विद्यार्थी नौकरी मांगने वाले नहीं अपितु नौकरी देने वाले बनें।
 

राज्यपाल दत्तात्रेय ने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2030 में नई शिक्षा नीति लागू करने का निर्णय लिया है जबकि हरियाणा सरकार ने 2025 में ही इसे लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाये हैं। नई शिक्षा नीति से मातृभाषा में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। अधिकांश देश अपनी मातृभाषा को ही प्राथमिकता देते है। मातृभाषा में भी शिक्षा अर्जित कर आगे बढ़ सकते हैं। अंग्रेजी पढ़ें किंतु अपनी मातृभाषा को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने अपने गुरूजनों का उदाहरण भी प्रस्तुत किया, जिनका उनके जीवन पर अमिट प्रभाव है। नई शिक्षा नीति से भविष्य उज्ज्वल बनेगा।
भगत फूल सिंह की प्रतिमा पर किया माल्यार्पणरू

 

 


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News Editor

Archna Sethi

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