हरियाणा के राज्यपाल ने आरोग्य भारती पंचकूला द्वारा आयोजित कार्यशाला का किया शुभारंभ
punjabkesari.in Saturday, Jul 16, 2022 - 07:33 PM (IST)
चण्डीगढ, 16 जुलाई (अर्चना सेठी) हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पंचकूला के सेक्टर-1 स्थित पीडब्ल्यूडी के विश्राम गृह में आरोग्य भारती पंचकूला द्वारा आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय पर्यावरण योजनात्मक कार्यशाला का दीप प्रज्जवलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने आरोग्य भारती की ’’प्रकृति के साथ सदैव सद्भाव में रहे’’ नामक पुस्तक का भी विमोचन किया।
दत्तात्रेय ने कहा कि आज पूरा विश्व पर्यावरण की विषमताओं से उत्पन्न समस्याओं से जुझ रहा है। इसके कारण जहां प्राणीमात्र अनेक बीमारियों से ग्रस्ति हो रहा है, वहीं जल, पृथ्वी और वायु भी दूषित हो रहे हैं। ऐसे समय में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए इस प्रकार की योजनात्मक कार्यशालाओं का आयोजन सराहनीय कार्य है।
उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान संगठन आरोग्य भारती द्वारा लोगों को सचेत एवं जागरूक करने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला किया जा रहा है। आयोग्य भारती एक ऐसा निःस्वार्थ संगठन है, जोकि दूर-दराज के वनवासी क्षेत्रों में लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वरोजगार, तथा सामाजिक तौर पर जागरूक करने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि इनके मार्गदर्शन में लोगों को समाज में नई पहचान मिल रही है और वे अच्छा जीवन व्यतीत करने की ओर अग्रसर हुए है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को यदि हम समझना चाहे तो यह हमारे चारों और का वह आवरण है, जिसकी सुरक्षा का दायित्व हम सब का बनता है। सुरक्षित पर्यावरण ही हमारी जीवन की सुरक्षा के लिए एक कवच का कार्य करता है।
दत्तात्रेय ने कहा कि पौधे हमारे लिए जीवन दायिनी ऑक्सीजन देते है, फल, फूल और औषधी प्राप्त करवाते हैं। इससे हमें स्वस्थ जीवन प्राप्त होता है। इसलिए हमें पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने और उनका पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार भी इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। प्रतिवर्ष सरकार प्रदेश में 2 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखती है। इनमें से 30 लाख पौधे हरियाणा की जनता को उनके घरों के आसपास व हरियाली के लिए निशुल्क बांटे जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अमृत सरोवर अभियान के तहत राज्य के 22 जिलों में बाईस सौ जोहडों के आसपास भी तीर्थ प्रजाती के पौधे लगाए जा रहे हैं ताकि पशु-पक्षियों का बसेरा भी बन सके।
उन्होंने कहा कि किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि योग्य भूमि व खेतों में 40 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही कालका से कलेसर तक के 150 किलोमीटर के मार्ग को नेचर टेल के तौर पर विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सरकार ने एक ओर अहम् कदम उठाया है, जिसके तहत भली भांति देखभाल के लिए पेड़ों की गणना की जाएगी। इससे आवश्यकतानुसार पौधे लगाने की संख्या में वृद्धि की जा सकेगी। इसलिए यह कहना अतिश्योक्ति नही होगा कि पर्यावरण से ही जीवन है और जीवन को सुखमय बनाने के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आरोग्य भारती ने जिस प्रकार से पर्यावरण संरक्षण का बीड़ा उठाया है, उसे पूरा करने के लिए हम सभी का कर्तव्य है कि अधिक से अधिक पौधे लगाएं।