ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग के दावे पर भड़के ओवैसी ने कहा- यह फव्वारा 2700 साल पुराना है
punjabkesari.in Saturday, May 21, 2022 - 02:55 PM (IST)
नेशनल डेस्क: ज्ञानवापी मस्जिद इन दिनों विवादों में छाया हुआ है। जहां हिंदु पक्ष ने मस्जिद के अंदर शिवलिंग मिलने का दावा किया है वहीं इस विवाद के बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शिवलिंग को फव्वारा बताया है। वहीं शनिवार को उन्होंने कहा कि यह फव्वारा कम से कम 7वीं शताब्दी से इस्लामी वास्तुकला की एक अनिवार्य विशेषता है।
वहीं इसके साथ बिजली मुक्त फव्वारे के बारे में विकिपीडिया और न्यूयॉर्क टाइम्स के एक पुराने लेख के लिंक साझा करते हुए ओवैसी ने कहा कि ऐसे फव्वारे गुरुत्वाकर्षण पर काम करते हैं और प्राचीन रोमन और यूनानियों के पास पहली और छठी शताब्दी ईसा पूर्व के फव्वारे थे। ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि संघी जीनियस पूछ रहे हैं कि बिजली के बिना एक फव्वारा कैसे था? इसे ग्रेविटी कहा जाता है। संभवतः दुनिया का सबसे पुराना कामकाजी फव्वारा 2700 साल पुराना है। प्राचीन रोमन और यूनानियों के पास पहली और छठी शताब्दी ईसा पूर्व के फव्वारे थे। शाहजहां के शालीमार उद्यान में 410 फव्वारे हैं।
Sanghi geniuses are asking “how was there a fountain without electricity?”
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 21, 2022
It’s called GRAVITY (https://t.co/wQ1ItqEo2l)
Possibly the oldest functioning fountain in the world is 2700 years old
Ancient Romans & Greeks had fountains dating to 1st & 6th century BC 1/2 pic.twitter.com/ipR6SCG0s8
वहीं, हिंदू पक्ष का दावा है कि वुजुखाना के पास एक शिवलिंग पाया गया था जिसका उपयोग मुस्लिम श्रद्धालु अपनी नमाज से पहले वशीकरण करने के लिए करते हैं। मस्जिद प्रबंधन समिति ने दावा किया कि जिस वस्तु को हिंदू पक्ष शिवलिंग होने का दावा करता है, वह वुजुखाना के पानी के फव्वारे तंत्र का हिस्सा है। इससे पहले विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख आलोक कुमार ने शुक्रवार को दावा किया कि पाया गया शिवलिंग मूल ज्योतिर्लिंगों में से एक है।