गुजरात 2017 ‘आजादी मार्च'' मामला: जिग्नेश मेवानी को 3 महीने की जेल, 1000 का जुर्माना भी लगा

punjabkesari.in Thursday, May 05, 2022 - 03:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क: गुजरात के मेहसाणा की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने गुरुवार को वडगाम के विधायक जिग्नेश मेवाणी और नौ अन्य को पुलिस की अनुमति के बिना जुलाई 2017 में मेहसाणा शहर से रैली करने के लिए उनके खिलाफ दर्ज गैरकानूनी सभा के आपराधिक मामले में दोषी ठहराया। सभी दोषियों को तीन महीने की कैद और एक-एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

 

दोषी ठहराए गए आरोपियों में मेवाणी के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की नेता रेशमा पटेल भी शामिल हैं। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जेए परमार की अदालत ने इस संबंध में फैसला सुनाते हुए कहा कि रैली करना अपराध नहीं है, लेकिन बिना अनुमति के रैली करना अपराध है। अदालत ने यह भी कहा कि अवज्ञा को कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

 

क्या है पूरा मामला
12 जुलाई, 2017 को, ऊना में कुछ दलितों की सार्वजनिक पिटाई के एक साल पूरा होने पर मेवाणी और उनके सहयोगियों ने मेहसाणा से पड़ोसी बनासकांठा जिले के धनेरा तक एक 'आजादी कूच' का नेतृत्व किया। मेवाणी के सहयोगियों में से एक कौशिक परमार ने मेहसाणा के कार्यकारी मजिस्ट्रेट से मेवाणी द्वारा स्थापित एक संगठन, राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के बैनर तले रैली की अनुमति मांगी थी और इसे शुरू में अनुमति दी गई थी। हालांकि बाद में प्रशासन ने इसे रद्द कर दिया, लेकिन आयोजकों ने रैली निकाली।

 

10 आरोपियों को दोषी ठहराने का फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि आरोपी कार्यकारी मजिस्ट्रेट के आदेश को उपयुक्त उच्च अधिकारियों के समक्ष चुनौती दे सकते थे और फिर उचित अनुमति मिलने के बाद रैली कर सकते थे। रैली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी शामिल थे, जो अब कांग्रेस का हिस्सा हैं। वह भी इस मामले के आरोपियों में से एक हैं। हालांकि, सुनवाई के दौरान मौजूद न रहने कारण कुमार के खिलाफ अलग से मामला चलाया जाएगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Seema Sharma

Recommended News

Related News