महंगाई पर वित्त मंत्री का राज्यसभा में जवाब, 'कीमतों में वृद्धि की बात से कोई इनकार नहीं कर रहा, लेकिन...'

punjabkesari.in Tuesday, Aug 02, 2022 - 07:28 PM (IST)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए लक्षित दृष्टिकोण के साथ सभी जरूरी कदम उठा रही है। आवश्यक वस्तुओं के बढ़ते मूल्य पर उच्च सदन में हुई अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि कीमतों में वृद्धि की बात से कोई इनकार नहीं कर रहा है। सरकार मुद्रास्फीति से निपटने के लिए जमीनी जानकारी के आधार पर, लक्षित दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अन्य उभरती और कुछ विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर स्थिति में है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार एवं रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को छह प्रतिशत से नीचे लाने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई दर 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में रहने की जिम्मेदारी दी हुई है। सीतारमण ने कहा कि डिब्बाबंद और ‘लेबल' युक्त खाद्य पदार्थों पर पांच प्रतिशत जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लगाने के प्रस्ताव पर जीएसटी परिषद में सभी राज्य सहमत थे और किसी ने इसका विरोध नहीं किया। वित्त मंत्री ने बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान द्वारा मांगे जा रहे विदेशी कर्ज का हवाला देते हुए कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कभी भी चर्चा से नहीं बचती है और हमेशा संसद की चर्चा का जवाब देने के लिए तत्पर रहती है। उन्होंने कहा कि विकसित और विकसशील देशों की अर्थव्यवस्था की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था तुलनात्मक रूप से काफी बेहतर है।

उन्होंने कहा कि कीमतें बढ़ी हैं, इससे कोई इंकार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि आंकड़ों और धरातल पर लोगों से बातचीत करके ही महामारी के समय से सरकार ने एक लक्षित रुख अपना रखा है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार केवल अंबानी और अडाणी के लिए काम कर रही है, ऐसा कहना महंगाई की चर्चा को राजनीतिक बनाना है। उन्होंने कहा कि हम सभी, राज्यों और संसद सदस्य के रूप में गरीबों की समस्याओं को कम करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत हैं। उन्होंने बांग्लादेश एवं पाकिस्तान के आंकड़े देते हुए कहा कि दोनों देश आज अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष सहित विभिन्न संस्थाओं से कर्ज मांग रहे हैं।'' सीतारमण ने कहा कि जीएसटी को लेकर बहुत गलत धारणाएं हैं। उन्होंने कहा कि बैंक चेक से धन निकालने पर कोई जीएसटी नहीं लगाया गया है।

बैंक जिन आपूर्तिकर्ता से चेक बुक लेता है, उस पर जीएसटी लगाया गया है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपने बैंक के एटीएम से पांच और अन्य बैंक के एटीएम से पांच यानी कुल दस लेनदेन बिना किसी प्रभार के कर सकता है। कुछ बैंकों में यह संख्या तीन है। जीएसटी के बारे में उन्होंने कहा कि पिछली जीएसटी परिषद की 47वीं बैठक चंडीगढ़ में हुई थी और उसमें सभी राज्यों ने जीएसटी प्रस्तावों पर सहमति जतायी थी। उन्होंने कहा कि वह इस बात को रिकार्ड में लाना चाहती हैं कि किसी भी राज्य ने उसका विरोध नहीं किया था। उन्होंने कहा, ‘‘पंजीकृत ब्रांड वाली कंपनियों द्वारा छूट का दुरूपयोग किया जा रहा था। जीएसटी परिषद ने ऐसी कंपनियों को जीएसटी के दायरे में रखा है किंतु गरीबों को ध्यान में रखकर किसी भी गैर ब्रांड वाले उत्पाद पर जीएसटी नहीं लगाया गया है।'' वित्त मंत्री ने कहा कि दालों, गेहूं, चावल आटे, सूजी, रवा, पनीर आदि पर जीएसटी से पहले केरल सहित विभिन्न राज्यों में कर लगता था।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में छाछ, दही एवं लस्सी पर छह प्रतिशत कर लगता था। पश्चिम बंगाल में पनीर पर पांच प्रतिशत कर लगता था। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने पश्चिम बंगाल का नाम आने पर व्यवस्था का प्रश्न उठाना चाहा जिसके लिए पीठासीन उपाध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने अनुमति नहीं दी। अनुमति नहीं मिलने के विरोध में डेरेक ने अपनी पार्टी के सदस्यों के साथ सदन से वाक आउट किया। इस पर सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि डेरेक और उनकी पार्टी के इस कदम से स्पष्ट हो गया है कि वे महंगाई पर चर्चा चाहते ही नहीं थे। सीतारमण ने कहा कि जीएसटी के मामले में श्मशान को लेकर बहुत सारी भ्रामक बातें कही जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जलाने और दफनाने पर कोई जीएसटी नहीं लगाया गया है बल्कि श्मशान घाट के निर्माण पर जीएसटी लगाया गया है। 

 


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Content Editor

rajesh kumar

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