छात्रों को ‘उद्यमी’ बनाएगी सरकार, देगी 1000 रुपए सीड मनी

punjabkesari.in Wednesday, Oct 16, 2019 - 04:39 AM (IST)

 नई दिल्ली : उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के 2 स्कूलों के छात्रों के साथ बातचीत की जो नए शुरू किए गए एंटरप्रेन्योरशिप करिकुलम और छात्रों पर इसके प्रभाव पर केंद्रित था। छात्रों में उद्यमशीलता की मानसिकता विकसित करने के लिए दिल्ली सरकार ने प्रत्येक छात्र को 1000 रुपए सीड मनी देने का फैसला किया है। 

मयूर विहार फेज-1 में स्थित गवर्नमेंट को-एड सीनियर सेकेंडरी स्कूल और माध्यमिक विद्यालय विनोद नगर उत्तर में कक्षा 10 से 12वीं तक के छात्रों के साथ उपमुख्यमंत्री का दिलचस्प संवाद सत्र चला। सिसोदिया ने करिकुलम शुरू करने के पीछे के विचार पर चर्चा की। इस वर्ष की शुरुआत में शुरू किए गए एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट पाठ्यक्रम 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए पेश किया गया है। सिसोदिया ने कहा कि यह कार्यक्रम बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए पूरी तरह से नया दृष्टिकोण अपनाता है और अनुकरणीय बदलाव लाता है। दिल्ली सरकार द्वारा दिए जाने वाली सीड मनी को कैसे खर्च करेंगे? इस विषय पर सवाल करने पर छात्र-छात्राओं ने अपने व्यापार के लिए बहुत सारे दिलचस्प विचार रखे। 

कक्षा 12वीं की एक छात्रा संजना ने कहा कि मैं विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट बर्गर बेचने का एक स्टाल स्थापित करुंगी। 11वीं कक्षा के एक अन्य छात्र ने कहा कि मैं पास के एक निजी स्कूल में एक स्टाल में निवेश करने की योजना बना रहा हूं, ताकि दीवाली के दौरान वहां से सामान बेच सकूं। कक्षा 12वीं की एक और छात्रा ने सीड मनी से केश सज्जा का सामान बनाने और उसे अपने दोस्तों को बेच कर फायदा लेने का आइडिया लेकर आई। सिसोदिया ने कहा कि हर साल दिल्ली से लगभग 2.5 लाख छात्र पास होते हैं। 

अगर उनमें से केवल 50,000 ही उद्यमी बन पाते हैं तो हमें नौकरी की समस्या कभी नहीं होगी। और इसके लिए एंटरप्रेन्योरियल माइंडसेट का होना बहुत जरूरी है। यह एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में हमारी प्रगति को निर्धारित करता है। सिसोदिया ने कहा कि हमारे युवा दिमाग को हुनर सिखाना चाहिए और किसी को उन्हें काम पर रखने का इंतजार नहीं करना चाहिए। उन्हें पहले से ही तैयार और कुशल होना चाहिए ताकि वे अपने दम पर एक व्यावसायिक उद्यम शुरू कर सकें और अपना विकास कर सकें। 

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इंटरप्रेन्योरशिप और एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट के बीच महत्वपूर्ण अंतर को समझाते हुए कहा कि अपने उद्यम को शुरू करना और उसका प्रबंधन करना उद्यमशीलता यानी एंटरप्रेन्योरशिप कहलाता है, जबकि उद्यमशीलता की मानसिकता कौशल सीखने, विकसित करने, विकसित करने और समाधान केंद्रित दृष्टिकोण पर काम करने के बारे में है। उद्यमी मानसिकता आपको हर समस्या के समाधान को खोजना सिखाती है।


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Pardeep

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