पीएम मोदी के स्वागत के लिए तैयार गोरखपुर, फर्टिलाइजर, AIIMS समेत देंगे कई बड़ी सौगात

punjabkesari.in Monday, Dec 06, 2021 - 08:12 PM (IST)

नेशनल डेस्कः प्राकृतिक संसाधनों से लबरेज होने के बावजूद सरकारी उपेक्षा के चलते दशकों से पिछड़ेपन का दंश झेलने वाला पूर्वी उत्तर प्रदेश मंगलवार को चिकित्सा,रोजगार एवं विकास की दिशा में एक कदम और बढ़ायेगा जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां गोरखपुर खाद कारखाना और एम्स समेत करीब दस हजार करोड़ रूपये की विकास योजनाओं का लोकार्पण करेंगे।

करीब 8603 करोड़ रूपये की लागत से तैयार गोरखपुर खाद कारखाने का शिलान्यास मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में 22 जुलाई 2016 को किया था जबकि 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना को रफ्तार प्रदान की और पांच साल के भीतर यह कारखाना पूरब में विकास और रोजागार की अपार संभावनाओं को नये आयाम देने को तैयार है।

हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के गोरखपुर खाद कारखाने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी एक हजार करोड़ रूपये की लागत से तैयार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के अलावा बाबा राघवदास मेडिकल कालेज स्थित रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) की अत्याधुनिक हाईटेक नौ लैब का भी लोकार्पण करेंगे। 

गोरखपुर का खाद कारखाना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में एक है जिसके लिये वह पिछले करीब दो दशक से संघर्षरत रहे हैं। सरकार का दावा है कि इस खाद कारखाने से केवल उत्तर प्रदेश और अन्य सीमाई राज्यों को पर्याप्त उर्वरक की उपलब्धता ही सुनिश्चित नहीं होगी बल्कि इससे खाद आपूर्ति के मामले में आयात पर निर्भरता भी कम होगी।  

जटिल और गंभीर रोग से ग्रसित मरीजों को इलाज के लिये दिल्ली और मुबंई के बड़े अस्पतालों में ले जाने को विवश पूर्वांचल के लोगों को नरेन्द्र मोदी के हाथों गोरखपुर एम्स की सौगात किसी वरदान से कम नहीं होगी। अपने मरीजों को इलाज के लिये दिल्ली एम्स ले जाने वाले तीमारदार सर्दी,गरमी और बरसात की परवाह किये बगैर अपने नम्बर के इंतजार में कई रातें फुटपाथों पर गुजारने को विवश होते रहे हैं। गोरखपुर एम्स के अस्तित्व में आने से पूर्वांचल के साथ साथ बिहार और पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के लोगों को भी खासी सहूलियत होगी।

गोरखपुर एम्स के शुरू होने से उच्च चिकित्सा सेवाओं के लिए पूरे क्षेत्र के लोगों को दिल्ली, मुम्बई में भटकना नही पड़ेगा और न ही महंगे निजी कॉरपोरेट हॉस्पिटल में जाने को मजबूर होना पड़ेगा। कई सर्वे और स्टडीज साबित करती हैं कि स्वास्थ्य पर होने वाले खर्चों की वजह से एक बहुत बड़ी जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे चली जाती है। पिछड़ा पूर्वांचल क्षेत्र भी इसी चक्रव्यूह में फंसा हुआ था।

दरअसल, वर्ष 1968 में स्थापित फटिर्लाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के खाद कारखाने को 1990 में हुए एक हादसे के बाद बंद कर दिया गया। एक बार यहां की मशीनें शांत हुईं तो तरक्की से जुड़ी उनकी आवाज को दोबारा सुनने की दिलचस्पी सरकारों ने नहीं दिखाई। 1998 में गोरखपुर से पहली बार सांसद बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने हर सत्र में खाद कारखाने को चलाने या इसके स्थान पर नए प्लांट के लिए आवाज बुलंद की। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने तत्समय सांसद योगी आदित्यनाथ की इस मांग पर संजीदगी दिखाई और 22 जुलाई 2016 को नए खाद कारखाने का शिलान्यास कर पूर्वी उत्तर प्रदेश को बड़ी सौगात दी।

पिछले महीने पूर्वांचल एक्सप्रेस की दी थी सौगात
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछली 16 नवंबर को 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण किया था। सुलतानपुर जिले में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जनता को समर्पित करते हुए उन्होने प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों पर भी निशाना साधते हुये कहा था कि उत्तर प्रदेश में जिस तरह से राजनीति हुई, जिस तरह से लंबे समय तक सरकारें चलीं उसने यूपी के सर्वांगीण विकास पर ध्यान ही नहीं दिया। यूपी का यह क्षेत्र तो माफियावाद और यहां के लोगों को गरीबी के हवाले कर दिया गया था।

प्रीलिंग टावर की ऊंचाई कुतुबमीनार से भी ऊंची
गोरखपुर खाद कारखाने में बना प्रीलिंग टावर विश्व में सबसे ज्यादा ऊंचा है। इसकी ऊंचाई कुतुब मीनार की ऊंचाई से दोगुनी से भी अधिक है। प्रीलिंग टावर से खाद के दाने नीचे आएंगे तो इनकी क्वालिटी सबसे अच्छी होगी। नीम कोटेड यूरिया से खेतों की उर्वरा शक्ति और बढ़ेगी। एक खास बात यह भी है कि इस खाद कारखाना में 30 फीसद से ज्यादा पूर्वांचल के युवाओं को नौकरी दी गई है। इनमें लड़कियों की संख्या ज्यादा है।          


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Content Writer

Yaspal

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