भारत ने पाक को दिखाया आईना, कहा- गिलगित और बाल्टिस्तान हमारा, इसे करो खाली

punjabkesari.in Monday, May 04, 2020 - 03:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय के गिलगित-बाल्टिस्तान में आम चुनाव कराने के आदेश का भारत ने कड़ा विरोध किया ​है।  भारत ने पाकिस्तान द्वारा "अवैध और जबरन कब्जाए" हुए क्षेत्रों की "स्थिति में बदलाव" करने की उसकी कोशिश को लेकर इस्लामाबाद के समक्ष कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि गिलगित- बाल्टिस्तान सहित पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और पाकिस्तान को अपने अवैध कब्जे से इन क्षेत्रों को तुरंत मुक्त कर देना चाहिए। 

PunjabKesari

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत ने पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक को आपत्ति पत्र जारी किया और तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। बयान में कहा गया कि पाकिस्तान के हालिया कदम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ हिस्सों पर उसके "अवैध कब्जे" को छुपा नहीं सकते हैं और न ही इस पर पर्दा डाल सकते हैं कि पिछले सात दशकों से इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के "मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया, शोषण किया गया और उन्हें स्वतंत्रता से वंचित" रखा गया। 

PunjabKesari

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने हाल के अपने आदेश में, क्षेत्र में आम चुनाव कराने के लिए इस्लामाबाद को 2018 के प्रशासनिक आदेश में संशोधन करने की इजाजत दे दी। 2018 का गिलगित बाल्टिस्तान आदेश प्रशासनिक बदलाव से संबंधित है, जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को कई विषयों पर कानून बनाने के लिए अधिकृत किया गया है। बयान में कहा गया कि यह स्पष्ट रूप से बता दिया गया है कि केंद्र शासित प्रदेश पूरा जम्मू- कश्मीर और लद्दाख जिसमें गिलगित और बाल्टिस्तान भी शामिल हैं, वह पूरी तरह से कानूनी और अपरिवर्तनीय विलय के तहत भारत का अभिन्न अंग हैं। 

PunjabKesari

विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार या उसकी न्यायपालिका को उन क्षेत्रों पर हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं हैं जो उसने "अवैध तरीके से और जबरन कब्जाए " हुए हैं। बयान में कहा गया है कि भारत इस तरह के कदमों को पूरी तरह से खारिज करता है और भारतीय जम्मू-कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों की स्थिति में बदलाव लाने के जारी प्रयासों पर आपत्ति जताता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News