''प्रेग्नेंट करो और ढ़ेर सारा पैसा कमाओं'', इस जॉब की हकीकत जानकर उड़ जाएंगे होश

punjabkesari.in Thursday, Feb 27, 2025 - 02:46 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बिहार के नवादा जिले में एक अजीबोगरीब साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जो धीरे-धीरे पूरे राज्य में फैल रहा है। यह ठगी एक बहुत ही अनोखे और विचित्र तरीके से हो रही है, जिसमें युवक किसी महिला को गर्भवती बनाने के बदले लाखों रुपये का लालच देते हैं। इस ठगी को ‘ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब सर्विस’ कहा जाता है। इस घोटाले का शिकार हुए युवक, जिनमें ज्यादातर गरीब किसान और मजदूर हैं, ठगों के जाल में फंसकर अपनी सारी जमा पूंजी गंवा बैठते हैं।
इस ठगी का तरीका काफी सरल है, लेकिन इसमें कई धोखाधड़ी के पेच हैं। एक विज्ञापन के जरिए युवक को यह ऑफर दिया जाता है कि अगर वह किसी महिला को गर्भवती कर देता है, तो उसे 15 लाख रुपये मिलेंगे। अगर वह सफल नहीं भी होता तो उसे लाखों रुपये का भुगतान किया जाएगा। यह लालच उन युवकों को अपने जाल में फंसा लेता है जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। इस ठगी के मास्टरमाइंड आमतौर पर नवादा जैसे ग्रामीण इलाकों से होते हैं, जो तकनीकी रूप से कुशल होते हैं और सस्ते चीनी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं।

कैसे काम करता है यह गिरोह?

यह गिरोह पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग करता है। फेसबुक, टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से इन ठगों ने अपना नेटवर्क फैलाया है। वे सस्ते सिम कार्ड और मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए ठगी को अंजाम देते हैं। युवा जो इन ठगों के जाल में फंसते हैं, उनका भरोसा जीतने के लिए ठग उन्हें कई तरह के विश्वास दिलाने वाले कदम उठाते हैं जैसे कि उन्हें फर्जी सिक्योरिटी डिपॉजिट देने को कहते हैं और फिर उनसे पैसे ऐंठते हैं।

नवादा में साइबर अपराध का बढ़ता नेटवर्क

नवादा जिला पहले भी घोटालों और धोखाधड़ी के लिए प्रसिद्ध रहा है, लेकिन अब यह क्षेत्र साइबर अपराध के नए हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहा है। नवादा के गांवों में बसे ये ठग अब देशभर में अपने कारनामों से चर्चित हो गए हैं। बिहार साइबर क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के मुताबिक, इस ठगी के मामले में अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस का कहना है कि यह ठगी एक बहु-सिर वाले हाइड्रा की तरह है, जिसका सिर हर बार एक नए ठग से जुड़ जाता है।

पुलिस की चुनौतियाँ और समाधान

नवादा पुलिस ने कई बार छापेमारी की और कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन फिर भी इस ठगी का नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है। बिहार पुलिस को इस समस्या से निपटने में कई चुनौतियाँ आ रही हैं, क्योंकि साइबर अपराधी और पुलिस दोनों के पास अब समान तकनीक उपलब्ध है। इसके बावजूद पुलिस अधिकारियों ने इस मुद्दे से निपटने के लिए अपने प्रयासों को तेज कर दिया है और युवाओं को डिजिटल अपराधों के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान भी शुरू किया है।

पीड़ितों की चुप्पी और बढ़ता डर

इस ठगी के शिकार होने वाले लोग आमतौर पर डर के मारे चुप रहते हैं। वे पुलिस से शिकायत करने में हिचकिचाते हैं, क्योंकि यह मामला समाज में अपमान का कारण बन सकता है। उदाहरण के तौर पर, मुकेश और बीरेंद्र जैसे लोग अपने परिवार से इस घटना को छिपाते हैं ताकि उनकी शादीशुदा जिंदगी पर असर न पड़े। कई बार तो यह ठगी उनके लिए एक ऐसे तनाव का कारण बन जाती है कि वे अपने रिश्तों में भी समस्या महसूस करने लगते हैं।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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