राजस्थान में राज्यसभा चुनाव से पहले शुरू हुआ ''खेल'', कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर, रिसॉर्ट जाएंगे विधायक

punjabkesari.in Thursday, Jun 02, 2022 - 12:22 AM (IST)

नेशनल डेस्कः राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों के लिए चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक गतिविधियां जोर पकड़ती जा रही हैं। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपने व अपने समर्थक विधायकों को उदयपुर भेजने का फैसला किया है। वहीं बसपा की राजस्थान इकाई ने मांग की है कि उसके टिकट पर चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों को इन चुनाव में भाग लेने से रोका जाए। राज्य से राज्यसभा की चार सीटों के लिए अब कुल पांच प्रत्याशी मैदान में हैं जिनमें कांग्रेस के तीन, भाजपा का एक व एक निर्दलीय उम्मीदवार है। मतदान 10 जून को होगा।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने बुधवार को यहां बताया कि सभी विधायकों को उदयपुर पहुंचने के लिये कहा गया है। कुछ विधायक आज ही उदयपुर के लिए रवाना हो रहे हैं जबकि कुछ बृहस्पतिवार को जाएंगे। कांग्रेस के साथ-साथ कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रहे निर्दलीय व अन्य विधायक भी उदयपुर जा रहे हैं। ये विधायक उदयपुर के उसी होटल में रुकेंगे जहां पिछले महीने कांग्रेस का नव संकल्प चिंतन शिविर हुआ था।

कांग्रेस ने राज्यसभा से पहले अपने विधायकों को एक जगह रखने का फैसला मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा के निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद आया है। चंद्रा वर्तमान में हरियाणा से राज्यसभा के सदस्य हैं और उनका कार्यकाल एक अगस्त को समाप्त होने जा रहा है। इस चुनाव में भाजपा उनका समर्थन कर रही है। कांग्रेस ने मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सिंह सुरजेवाला को मैदान में उतारा है जबकि भाजपा ने पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी को उम्मीदवार बनाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को निर्दलीय उम्मीदवार चंद्रा को समर्थन देने के भाजपा के कदम को ‘खेल' बताते हुए कहा था कि पार्टी खरीद फरोख्त में शामिल होना चाहती है।

संख्या बल के हिसाब से राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस अपने 108 विधायकों के साथ दो सीटें व भाजपा 71 विधायकों के साथ एक सीट आराम से जीत सकती है। दो सीटों के बाद कांग्रेस के पास 26 अधिशेष व भाजपा के पास 30 अधिशेष वोट होंगे। एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 41 वोट चाहिए। सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद है कि सरकार का समर्थन कर रहे अन्य दलों के विधायकों व निर्दलीय विधायकों के समर्थन से वह तीसरी सीट जीत जाएगी। गहलोत व कांग्रेस के उम्मीदवारों ने राज्य के 13 में से 10 निर्दलीय विधायकों से मंगलवार को मुलाकात की थी।

वहीं भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त (हार्स ट्रेडिंग) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोप पर पलटवार करते हुए राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने बुधवार को कहा कि गहलोत खुद ‘एलिफेंट ट्रेडिंग' में माहिर हैं। उन्होंने कहा कि गहलोत ने मुख्यमंत्री रहते हुए बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को दो बार कांग्रेस में लेकर आये। राठौड़ ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा द्वारा ‘हार्स ट्रेडिंग' की बात कर रहे हैं ... वे दो बार में पूरी ‘एलिफेंट ट्रेडिंग' ही नहीं पूरे हाथी को निगल गये और आज हमें शिक्षा दे रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए दो बार बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को तोड़कर राजस्थान में पूरी बसपा को निगलने का काम किया है।''

उल्लेखनीय है कि बसपा की टिकट से जीते सभी छह विधायक 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। इससे पूर्व 2009 में गहलोत के कार्यकाल के दौरान बसपा के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गये थे। राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने विधायकों को बाड़ाबंदी एक जगह रखने का रिकार्ड बनाया है। उन्हें किस बात का डर है? इधर, बसपा की राज्य इकाई ने राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों को चुनाव में भाग लेने से रोकने की मांग की है।


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Content Writer

Yaspal

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