गडकरी ने रेल मंत्रालय को लिया आड़े हाथ, कहा- लापरवाही से 82 ओवरब्रिज का काम
punjabkesari.in Thursday, Feb 11, 2021 - 06:31 PM (IST)
नई दिल्लीः सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज संसद में स्वीकार किया कि रेल मंत्रालय की कार्यप्रणाली के कारण देश में 82 उपरिगामी सेतु के निर्माण अटका पड़ा है। लोकसभा में प्रश्नकाल में महाराष्ट्र के वर्धा से निर्वाचित सदस्य रामदास तड़स ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक रेलवे लाइन पर स्वीकृत उपरिगामी सेतु के निर्माण में देरी के बारे में पूछा। इस पर गडकरी ने स्वीकार किया कि इस उपरिगामी सेतु का निर्माण राज्य के लोकनिर्माण विभाग द्वारा 30 अप्रैल 2018 तक हो जाना था। लेकिन रेलवे की कार्यप्रणाली और जमीन संबंधी मुद्दे के कारण देरी हुई है।
गडकरी ने कहा कि रेलवे की कार्यप्रणाली के कारण 82 उपरिगामी सेतु निर्माण का काम लंबित है। डिजायन के लिए पहले लखनऊ में आरडीएसओ भेजा जाता है। मुंबई की आईआईटी से स्वीकृति मिलती है तो उसे मानते नहीं है। इससे काम फंस जाता है और निर्माण में विलंब होता है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय के सचिव रेलवे बोडर् के अध्यक्ष के साथ बैठकर प्रक्रिया को सुधारेंगे।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनकी (गडकरी की) अध्यक्षता में ढांचागत परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए गठित उच्चस्तरीय मंत्रि समूह में रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठ कर इस मसले का समाधान कर लेंगे। भाजपा के भागीरथ चौधरी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र अजमेर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के समीप दुर्घटनाओं के होने एवं ब्लैक स्पॉट को हटाने का मुद्दा उठाया तो गडकरी ने कहा कि छह माह में इसका समाधान हो जाएगा।
उत्तराखंड की चारधाम राजमार्ग परियोजना के बारे में तीरथ सिंह रावत के पूरक प्रश्न पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सड़क की चौड़ाई सीमित रखने संबंधी आदेश के बारे में रक्षा मंत्रालय एवं उनके मंत्रालय ने सर्वोच्च अदालत में एक हलफनामा दाखिल किया है जिसमें सामरिक बाध्यताओं का हवाला देते हुए आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार सड़क निर्माण के साथ साथ पर्यावरण एवं पारिस्थिकीय संतुलन को भी महत्वपूर्ण मानती है और उसके लिए समुचित कदम उठायेगी। उन्होंने कहा कि चारधाम राजमार्ग बारहमासी सड़क होगी जिसका 169 किलोमीटर का निर्माण हो चुका है। इसी के साथ मुजफ्फरनगर-हरिद्वार, गणेशपुर-रुड़की और हरिद्वार-देहरादून का मार्ग भी पूरा हो गया है। 25 किलोमीटर लंबी हरिद्वार रिंग रोड का 1300 करोड़ रुपए का ठेका जुलाई तक दे दिया जाएगा।