NSA डोभाल से मिलीं फ्रांस की रक्षा मंत्री, बोलीं- राफेल से क्षेत्र में सुपरपावर बनेगा भारत

punjabkesari.in Thursday, Sep 10, 2020 - 09:05 PM (IST)

नई दिल्लीः राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाने के लिए बृहस्पतिवार को वार्ता की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वार्ता दोनों देशों के बीच समग्र सामरिक संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर केंद्रित थी। इससे पूर्व दिन में पार्ली अंबाला वायुसेना अड्डे पर हुए एक समारोह में शामिल हुई थी जहां पांच राफेल लड़ाकू विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया।

फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा कि भारतीय वायुसेना के बेड़े में राफेल लड़ाकू विमानों के शामिल होने के बाद भारत को अपने लोगों की रक्षा करने में समूचे क्षेत्र पर बढ़त मिलेगी। पार्ली ने विमानों को वायुसेना में शामिल करने के कार्यकर्म को दोनों देशों के बीच रिश्तों की मजबूती का प्रतीक बताया। भारतीय वायुसेना में पांच राफेल विमानों को शामिल करने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में पार्ली ने कहा कि भारत और फ्रांस दोनों देश रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को 36 राफेल विमानों की आपूर्ति करने वाले कार्यक्रम के कई मायने हैं। पार्ली ने कहा, “ सैन्य संदर्भ में देखें तो, इसका अर्थ है कि भारत विश्व स्तरीय क्षमता हासिल कर लेगा, जो सचमुच दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक होगी और आपकी वायुसेना को अविश्वसनीय संप्रभुता संपन्न अस्त्र देगा।“

फ्रांस की रक्षा मंत्री ने कहा, “ सामरिक संदर्भ में, इसका मतलब है कि भारत को अपनी और अपने लोगों की रक्षा करने के लिए समूचे क्षेत्र में बढ़त मिलेगी।'' अंबाला वायुसेना अड्डे में आयोजित एक कार्यक्रम में पांच राफेल विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। पार्ली ने कहा कि `राफेल` का साहित्यिक अर्थ `आंधी का झोंका` या ‘आग का गोला` है। उन्होंने कहा, “दोनों मतलब अविश्वसनीय क्षमता को व्यक्त करते हैं। यह दोनों देशों के बीच के मजबूत रिश्तों का एक प्रतीक भी है।'' उन्होंने भारत की “मेक इन इंडिया“ योजना के लिए फ्रांस के समर्थन को भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “ हम ‘मेक इन इंडिया' पहल के साथ-साथ अपनी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारतीय विनिर्माताओं को आगे भी शामिल करने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि कई साल से फ्रांस के उद्योग के लिए ‘मेक इन इंडिया' एक वास्तविकता रही है, खासकर पनडुब्बियों जैसे रक्षा उपकरणों में। उन्होंने कहा, “ फ्रांस की कई कंपनियां और डिजाइन कार्यालय अब भारत में स्थापित हो गए हैं और अब मुझे उम्मीद है कि अन्य भी अपने समर्थन और सेवा की पेशकश करने के लिए आएंगे।''

गौतरलब है कि भारतीय वायु सेना के 17वें स्क्वाड्रन में राफेल विमानों को शामिल किए जाने के इस समारोह में पारंपरिक ‘सर्व धर्म पूजा' की गई। इस अवसर पर पानी की बौछारों से फ्रांस निर्मित नए जेट को सलामी दी गई और विमानों ने दिल थाम देने वाले कई करतब दिखाए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत और एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया समेत कई अन्य पदाधिकारी इस समारोह में शामिल हुए। पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई को भारत पहुंचा था। इससे करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से ऐसे 36 विमानों की खरीद के लिए अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।


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Yaspal

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