Flashback 2019: वो दिग्गज राजनेता जिन्होंने इस साल दुनिया को कहा अलविदा

punjabkesari.in Friday, Dec 27, 2019 - 10:20 PM (IST)

नेशनल डेस्कः साल 2019 के विदा होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं और जल्द ही हम नए साल 2020 में प्रवेश करने जा रहे हैं। भले ही साल 2019 अब जाने को है लेकिन ये साल किसी के लिए ढेरों खुशियां लेकर आया तो किसी को कभी ना भूलने वाला गम दे गया। 2019 में देश के कई सियासी दिग्गजों ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया। इनमें कुछ ऐसे दिग्गज भी हैं जिनके अचानक निधन के बारे में जानकर पूरा देश ही अचंभित रह गया। उनके निधन से न केवल देशवासियों को बड़ा झटका लगा बल्कि सियासी पार्टियों को भी भारी क्षति हुई। आइए जानते हैं कौन-कौन से बड़े नेताओं ने साल 2019 में दुनिया को अलविदा कहा...
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शीला दीक्षित का निधन- 20 जुलाई 2019
एक समय था जब शीला दीक्षित और दिल्ली एक-दूसरे का पर्याय माने जाते थे। दिल्ली में स्कूली और कॉलेज की शिक्षा लेने वाली शीला यहां की सबसे लंबे कार्यकाल वाली मुख्यमंत्री भी रहीं। सुषमा स्वराज के हटने के बाद वह 1998 से 2013 तक लगातार 15 वर्ष दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। इस दौरान उन्होंने अपनी प्रशासनिक और राजनीतिक कुशलता का लोहा तो मनवाया ही, यह भी दिखा दिया कि विकास केवल एक नारा नहीं, बल्कि धरातल पर की जाने वाली चीज है। उनके कार्यकाल में दिल्ली ने कई परिवर्तन देखे। अभी भी कहा जाता है कि दिल्ली में सबसे अधिक फ्लाईओवर शीला दीक्षित के कार्यकाल में ही बने। दिल्ली से निकलीं तो केरल की राज्यपाल बनाई गईं। फिर बाद में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का चेहरा घोषित की गईं, लेकिन कांग्रेस-सपा गठबंधन के बाद उन्होंने कदम खींच लिए। फिर दिल्ली पहुंचीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनीं। लोकसभा चुनाव भी लड़ा और भारी मतों से पराजय का सामना करना पड़ा। यह शीला दीक्षित की आखिरी पराजय नहीं थी। 19 जुलाई को उन्हें मौत से पराजित होना पड़ा और दिल्ली को गढऩे वाली शीला यहीं की मिट्टी में मिल गईं। 
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सुषमा स्वराज का निधन- 6 अगस्त 2019 
देश की पहली महिला विदेश मंत्री बनने का गौरव हासिल करने से पहले वह लगभग सभी महत्वपूर्ण पदों पर रहीं। 15वीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रहीं तो उससे पहले दिल्ली की सीएम और संसदीय मामलों की मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री भी वह रह चुकी थीं। विदेश मंत्री के तौर पर न केवल उनके कार्य को सराहा गया बल्कि ट्विटर पर उनके चुटीले अंदाज को भी काफी पसंद किया जाता रहा। 4 राज्यों से 11 बार चुनाव लडऩे वाली एवं आउटस्टैंडिंग पार्लियामेंटेरियन का सम्मान हासिल करने वाली सुषमा स्वराज को 2019 हमसे छीन ले गया। 
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अरुण जेतली का निधन- 24 अगस्त 2019
भाजपा के ‘संकटमोचक’ कहे जाने वाले और प्रधानमंत्री के करीबी रहे अरुण जेतली दूसरे कार्यकाल में मोदी का साथ नहीं दे सके। अरुण जेतली का निधन 24 अगस्त 2019 को हुआ। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वकालत से राजनीति में आए अरुण जेतली भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे और कई बड़े पदों को संभाला। अरुण जेतली दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ डीडीसीए के अध्यक्ष भी रहे। खराब स्वास्थ्य के कारण अरुण जेतली ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कोई पद न संभालने की इच्छा जाहिर करते हुए एक तरह से राजनीति से संन्यास ले लिया था। 
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मनोहर पर्रिकर का निधन- 17 मार्च 2019
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और बाद में देश के रक्षा मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर की पहचान उनकी सादगी और ईमानदारी ही थी। उन्हें आम जनता का नेता भी कहा जाता था। वह मुख्यमंत्री रहते हुए भी गोवा की जनता के बीच ऐसे चले जाते थे, जैसे सबसे पुरानी जान-पहचान है। काम के प्रति समर्पण ऐसा कि बीमारी की जंजीर भी उन्हें रोक नहीं सकी। मृदुभाषी और मिलनसार इतने कि विरोधी दलों के नेता भी उनकी बात नहीं टालते थे। गोवा में भाजपा को सत्ता में लाने का श्रेय पर्रिकर को ही जाता है। उनके नाम एक खास रिकार्ड भी दर्ज है- वह किसी राज्य से मुख्यमंत्री बनने वाले पहले आईआईटी स्नातक रहे।


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Pardeep

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