ऑफ द रिकॉर्ड: पहले शाह, फिर नड्डा जाएंगे जम्मू-कश्मीर

punjabkesari.in Thursday, Sep 05, 2019 - 04:55 AM (IST)

नेशनल डेस्क: केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को निर्देश दिया है कि घाटी में उनके शीघ्र संभावित पहले दौरे के लिए तैयारी कर ले। मंगलवार को उन्होंने राज्य के सरपंचों के साथ एक लम्बी बैठक की क्योंकि अमित शाह ही वह व्यक्ति हैं जिन्होंने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए को हटाने का फैसला लिया है इसलिए वह चाहते हैं कि सुरक्षा बल तेजी से हालात सामान्य करने की दिशा में काम करें।
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यही कारण है कि जमीन पर स्थिति को सामान्य बनाने के लिए छूट और ढील दी जा रही है। यह स्पष्ट है कि राज्य में चुनाव करवाने के लिए भाजपा सही समय का इंतजार करेगी। राज्य में स्थिति का आकलन करने के लिए अमित शाह वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग और टैलीफोन द्वारा चर्चा कर रहे हैं तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ व्यक्तिगत बैठकें भी कर रहे हैं। 
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शाह के दौरे के बाद भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे। केन्द्रीय गृहमंत्री ने 15 अगस्त को राज्य के सभी 6768 गांवों में तिरंगा लहराने की अनुमति दी थी लेकिन हालात सामान्य न होने के कारण उसे लागू नहीं किया जा सका। अब मोदी सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रदेश में अगली सरकार भाजपा की बने इसलिए सभी नीतियां और कार्यक्रम इसी मकसद को ध्यान में रख कर बनाए जा रहे हैं। एजैंसियों की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद सरकार राज्य में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन का आदेश देगी। भाजपा घाटी में भगवा लहराने के लिए दृढ़ संकल्प है। 
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भगवा पार्टी घाटी की 46 सीटों सहित सभी 87 सीटों पर चुनाव लडऩा चाहती है। यदि परिसीमन किया जाता है तो सीटों की संख्या बढ़ जाएगी। ऐसी स्थिति में चुनाव कुछ देर से होंगे। भाजपा कश्मीर के दलों के हाशिए पर चल रहे नेताओं को अपने साथ लाना चाहती है।
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भाजपा यह भी चाहती है कि पी.डी.पी.-कांग्रेस-नैशनल कॉन्फ्रैंस इकट्ठे हो जाएं ताकि राज्य में एक विकल्प तैयार हो सके। इन क्षेत्रीय दलों में बहुत से ऐसे लोग हैं जो भाजपा में आने या नए क्षेत्रीय दल बनाने के लिए तैयार बैठे हैं। पी.डी.पी. के राज्यसभा सदस्य महबूबा मुफ्ती से नाराज हैं और वे अपनी पार्टी गठित करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने राज्यसभा में तीन तलाक के खिलाफ वोट नहीं दिया था बल्कि वाकआऊट किया था। राज्य में भारी संख्या में सुरक्षा बलों को भेज कर सरकार उन लोगों में भरोसा कायम करना चाहती है जो घाटी के हर हिस्से में उग्रवादियों से लडऩा चाहते हैं। वे लोग सुरक्षा चाहते हैं और मोदी सरकार उन्हें सुरक्षा दे रही है। 


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Pardeep

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