आरोग्य सेतु ऐप में ढूंढे कमी, मोदी सरकार देगी 1 लाख रुपए

punjabkesari.in Wednesday, May 27, 2020 - 03:41 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कोरोना वायरस को लेकर से लोगों को बचाने के लिए तैयार किए गए आरोग्य सेतु पर पिछले काफी समय से सवाल उठाए जा रहे हैं। आरोग्य सेतु में निजता को लेकर उठाई जा रही चिंताओं को देखते केंद्र सरकार एक बग बाउंटी प्रोग्राम लेकर आई है। Covid-19 कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप आरोग्य सेतु का सोर्स कोड भी रिलीज कर दिया गया है, जिसकी मदद से ऐप में कमियों और खामियों का पता लगाया जा सके। सरकार ने इसके साथ ही इसमें खामियों का पता लगाने वाले को बड़ी राशि का पुरस्कार देने का भी ऐलान किया है।

 

1 लाख रुपए के इनाम
इस एप में खामी का पता लगाने वाले लोगों के लिए चार श्रेणी के पुरस्कार रखे गए हैं। इसमें खामी का पता लगाने और इसके कार्यक्रम सुधार के सुझाव देने वालों के लिए यह पुरस्कार रखे गये हैं। सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशीलता को लेकर तीन श्रेणियों में प्रत्येक में एक लाख रुपए का पुरस्कार रखा गया है जबकि कोड में सुधार के सुझाव के लिए एक पुरस्कार एक लाख रुपए का रखा गया है। इसके अलावा क्वालिफाई करने वाले सभी सबमिशंस को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा और बग या सिक्यॉरिटी रिस्क के आधार पर अवॉर्ड दिए जाएंगे। इन प्रोग्राम में केवल भारत के रिसर्चर्स हिस्सा ले पाएंगे। यह प्रोग्राम 27 मई से शुरू होगा और 26 जून तक चलेगा।

 

सोर्स कोड रिलीज
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि दुनिया में कोई भी अन्य सरकार इस पैमाने पर इतना खुला रुख नहीं अपनाती है। कोरोना वायरस महामारी से लोगों को सतर्क करने के लिए आरोग्य सेतु एप की शुरुआत की गई। लेकिन कुछ लोगों ने इस एप के जरिये लोगों के निजी डेटा जुटाए जाने और उनकी निजी जिंदगी के बारे में तांक झांक करने का आरोप लगाया। सरकार ने इन्हीं चिंताओं का समाधान करने के लिए यह कदम उठाया है। इस एप के स्रोत कोड को खोल दिया गया है। कांत ने कहा कि पारदर्शिता, निजता और सुरक्षा ही आरोग्य सेतु डिजाइन के मूल सिद्धांत हैं। इसके स्रोत कोड को डेवलपर समुदाय के लिए खोल दिए जाने से भारत सरकार की इन सिद्धांतों के दायरे में रहते हुए काम करने की प्रतिबद्धता का पता चलता है। दुनिया में कहीं भी कोई अन्य सरकार स्रोत को इतने बड़े पैमाने पर नहीं खोलती है। बता दें कि आरोग्य सेतु एप 2 अप्रैल 2020 को जारी की गई और इसके वर्तमान में करीब 11.5 करोड़ लोग इस्तेमाल करने वाले हैं।


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Seema Sharma

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