अंकिता मर्डर पर प्रदर्शन जारीः पिता का सवाल- रिसॉर्ट में सबूत थे, उसे क्यों तोड़ा?

punjabkesari.in Sunday, Sep 25, 2022 - 04:54 PM (IST)

नेशनल डेस्कः अपनी 19 वर्षीया बेटी अंकिता भंडारी की हत्या से आक्रोशित पिता ने रविवार को आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग करते हुए आशंका जताई कि उनके रिजॉर्ट को ध्वस्त करने के साथ सबूत भी नष्ट हो गए होंगे। हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि घटना से संबंधित सभी साक्ष्य पहले ही जुटा लिए गए हैं।

अंकिता के पिता कहा कि रिजॉर्ट को ध्वस्त करने की कार्रवाई सबूत मिटाने का प्रयास भी हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘रिजॉर्ट में रजिस्टर आदि रहे होंगे जिससे पता चलता कि वहां कौन-कौन से लोग आते थे, लेकिन उसे ढहाने से वे सब समाप्त हो गए।'' उन्होंने मांग की कि उनकी बेटी की हत्या के आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी दी जानी चाहिए। अंकिता पौड़ी जिले के यमकेश्वर में गंगा भोगपुर क्षेत्र के वनतारा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थीं और 19 सितंबर से लापता थीं।

इस मामले में पुलिस द्वारा शुक्रवार को गिरफ्तार तीन आरोपियों में से एक पुलकित आर्य पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य का पुत्र है, जो रिजॉर्ट का मालिक था। घटना को लेकर लोगों के आक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रशासन ने शुक्रवार की रात ही रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलवाकर उसे ध्वस्त करवा दिया था। हालांकि, अंकिता के पिता के आरोपों पर पुलिस का कहना है कि वह रिजॉर्ट में जाकर तफ्तीश पूरी कर चुकी है और उसकी हत्या में शामिल आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए उनके पास पर्याप्त सबूत हैं।

इस मामले का खुलासा करने वाली टीम का नेतृत्व करने वाले पौड़ी के अपर पुलिस अधीक्षक शेखर सुयाल ने बताया कि रिजॉर्ट में जाकर उनकी टीम पहले ही जांच पूरी कर चुकी है और उसे ध्वस्त किये जाने से मामला कमजोर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि आरोपियों के खिलाफ हमारे पास बहुत मजबूत साक्ष्य हैं। अंकिता का शव बरामद हो चुका है और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।''

अंकिता की अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने की मांग के पूरी न होने तक उसकी अंत्येष्टि न करने पर अड़े पिता के बारे में सुयाल ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि अंकिता के शव का पोस्टमार्टम एम्स ऋषिकेश में चार चिकित्सकों के पैनल ने किया है और उसकी वीडियोग्राफी भी की गई है।

पुलिस और प्रशासन पर भरोसा करने का आग्रह करते हुए पुलिस अधिकारी ने श्रीनगर में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना दे रही जनता से वहां से उठने की अपील की। परिजनों के समर्थन में एकत्र हुए लोगों ने सरकार से अंकिता के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और उसके भाई को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News