आंदोलन के 7 महीने होने पर किसानों का अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन , LG निवास की बढ़ाई सुरक्षा

punjabkesari.in Saturday, Jun 26, 2021 - 02:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान आज ट्रैक्टर रैली कर विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपकर इन कानूनों को वापस लिये जाने की मांग कर रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों का प्रदर्शन जारी है, इसे देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उपराज्यपाल निवास के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।

'कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस' मनाएंगे किसान
पिछले साल सितंबर में लागू किए गए केंद्रीय कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे 40 किसान संघों के सामुहिक संगठन ने कहा कि पूरे देश में 26 जून को 'कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस' के रूप में मनाने की तैयारी चल रही है। किसान नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डालकर कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। साथ ही उनकी मांग है कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए एक नया कानून बनाया जाए।

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दिल्ली की तरफ बढ़ रहे किसान 
बयान में कहा गया, 'ग्रामीण किसान मजदूर समिति (जीकेएस) के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा काफिला राजस्थान के गंगानगर से शाहजहांपुर सीमा के लिए रवाना हुआ है। इसी तरह, बीकेयू (टिकैत) के नेतृत्व में बागपत और सहारनपुर के किसानों के गाजीपुर बॉर्डर पर आने की उम्मीद है। वहीं इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक ज्ञापन सौंप कर तीन ‘‘किसान विरोधी कानूनों’’ को फौरन रद्द करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया। 

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तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग
मोर्चा ने अपने ज्ञापन में कहा कि आपको सौंपे गये इस ज्ञापन के माध्यम से, हम आपको देश के करोड़ों किसान परिवारों की पीड़ा और गहरे रोष से अवगत करा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि आप केंद्र सरकार को किसान आंदोलन की जायज मांगों--किसान विरोधी तीन कानूनों को रद्द करने और सभी किसानों के लिए लाभकारी एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून लाने-- को स्वीकार करने का निर्देश देंगे।’’

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केंद्र सरकार की हठधर्मिता का चरम है: टिकैत 
भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि यह ‘केंद्र सरकार की हठधर्मिता का चरम है’, यही वजह है कि किसान दिल्ली की सीमा पर गत सात महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा,‘‘केवल गूंगी और बहरी सरकार ही इस तरह का व्यवहार कर सकती है।’’
 


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vasudha

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