फडणवीस की उद्धव ठाकरे को चेतावनी- समंदर हूं लौटकर वापस जरूर आऊंगा

punjabkesari.in Sunday, Dec 01, 2019 - 05:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने के बावजूद सत्ता में नहीं आ सकी क्योंकि राजनीतिक गुणागणित योग्यता पर भारी पड़ा। चुनाव से पहले फडणवीस द्वारा दिए गए नारे ‘‘मैं वापस लौटूंगा'' पर तंज कसने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि उन्होंने ऐसा कहा, लेकिन इसके लिए समय देना भूल गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा पानी उतरा देखकर मेरे किनारे घर मत बसा लेना, मैं समंदर हूं लौटकर वापस जरूर आऊंगा।''

 

फडणसीस राज्य विधानसभा में उनके विपक्ष का नेता बनने पर उन्हें बधाई देने के लिए प्रस्ताव लाये जाने के बाद बोल रहे थे। प्रस्ताव मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा पेश किया गया जिसका राकांपा के जयंत पाटिल और कांग्रेस के विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट सहित अन्य दल के सदस्यों ने समर्थन किया। फडणवीस ने कहा कि भाजपा को जनादेश मिला क्योंकि हमारी पार्टी अकेली सबसे बड़ी पार्टी है। 21 अक्टूबर के विधानसभा चुनाव में हमारा स्ट्राइक रेट 70 प्रतिशत का रहा लेकिन राजनीतिक गुणागणित योग्यता पर भारी पड़ा। जिन्हें चुनावों में 40 प्रतिशत अंक मिले उन्होंने सरकार बना ली। उन्होंने कहा कि हम इसे लोकतंत्र के हिस्सा के तौर पर स्वीकार कर रहे हैं।

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सदन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित कई नेताओं ने चुनाव से पहले फडणवीस द्वारा दिए गए नारे ‘‘मैं वापस आऊंगा'' को लेकर उन पर कटाक्ष किया। इसके जवाब में फडणवीस ने कहा कि मैंने यह कहा था कि ‘मैं वापस आऊंगा' लेकिन मैं इसके लिए आपको समय देना भूल गया। यद्यपि मैं आपको एक चीज का भरोसा दे सकता हूं कि आपको कुछ समय इंतजार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मैंने न केवल पांच वर्षों में कई परियोजनाएं घोषित की बल्कि उन पर काम भी शुरू किया। ... मैं उनका उद्घाटन करने के लिए वापस आ सकता हूं।

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 फडणवीस ने सदन को संवैधानिक एवं विधिक सीमा में काम करने का भरोसा भी दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का विरोध मैं कुछ सिद्धांतों और बिना किसी निजी एजेंडे के करूंगा।'' भाजपा विधायक दल के नेता फडणवीस को रविवार को विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने विपक्ष का नया नेता घोषित किया। ठाकरे नीत शिवसेना द्वारा मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा के साथ गठबंधन से अलग होने के बाद शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनायी। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 105 सीटें जीतकर अकेली सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने क्रमश: 56, 54 और 44 सीटें जीतीं। 

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vasudha

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