Exclusive Interview: फिल्मों में Kiss करने पर क्या बोले सलमान खान

punjabkesari.in Thursday, Dec 19, 2019 - 12:48 PM (IST)

नई दिल्ली/ चन्दन जायसवाल। साल 2010 में आई फिल्म ‘दबंग’ फ्रैंचाइजी की तीसरी किस्त ‘दबंग 3’ और उससे करोड़ों दिलों पर राज करने आए चुलबुल पांडे 20 दिसम्बर को फिर से धमाल मचाने के लिए तैयार हैं। ये फिल्म एंटरटेनमेंट का ट्रिपल डोज लेकर वापस आई है। 

इस फिल्म में एक बार फिर से रज्जो यानी सोनाक्षी सिन्हा की एंट्री हो चुकी है। इस फिल्म से एक्टर और डायरेक्टर महेश मांजरेकर की बेटी सई मांजरेकर बॉलीवुड में अपना डैब्यू कर रही हैं। फिल्म में सई सलमान खान के लव इंटरेस्ट के रूप में दिखाई देंगी। उनका किरदार चुलबुल पांडे के कैरेक्टर में अहम ट्विस्ट लाएगा। सलमान, सोनाक्षी और सई के साथ-साथ फिल्म में प्रीति जिंटा, अरबाज खान, माही गिलऔर टीनू आनंद भी नजर आएंगे।

 

salman khan dabangg 3

इनके साथ ही कन्नड़ सुपरस्टार किच्चा सुदीप फिल्म में विलेन के रूप में दिखाई देंगे। इस फिल्म को डायरेक्ट किया है प्रभुदेवा ने। फिल्म को लेकर सलमान खान ने पंजाब केसरीनवोदया टाइम्स /जगबाणी/ हिंद समाचार से खास बातचीत की। पढ़िए प्रमुख अंश :

 

इस फ्रेंचाइजी की बाकी दोनों फिल्मों के मुकाबले ‘दबंग 3’ में क्या खास है?
इस फिल्म का लेवल बाकी दोनों पार्ट्स से काफी ऊपर और दिलचस्प है। पहले और दूसरे पार्ट में हमने जो मेहनत की है, उससे ज्यादा अब हम कर रहे हैं। इसका स्क्रीनप्ले इसकी सबसे बड़ी खासियत है। चुलबुल पांडे की बात करें तो वो बिल्कुल भी नहीं बदला है लेकिन पहले से बेहतर जरूर हुआ है। ट्रेलर में जो एक्शन दिखाया गया है, वो पूरी फिल्म के एक्शन का 2 प्रतिशत भी नहीं है। इस सीक्वल में हमें इसका प्रीक्वल भी देखने को मिलेगा।

 

Salman khan

 

जहां सीक्वल बनाना काफी मुश्किल काम होता है, वहीं इस फ्रेंचाइजी की तीसरी फिल्म रिलीज हो रही है, कहां से आता है कहानी का आइडिया?
ये कहानियां ऐसी होती हैं, जो खुद बन जाती हैं। ये कहानी भी खुद ही अलग-अलग पार्ट्स में लिखती चली गई। इस स्टोरी के लिए कोई क्रेडिट नहीं ले सकता कि ये कहानी उसके दिमाग से निकली है। बस, हमने इस बात पर ध्यान दिया कि चुलबुल पांडे बना कैसे और फिर हर चीज खुद ही एक-दूसरे से लिंक होती गई।

 

आपने कहा था-हीरो का लैवल विलेन बढ़ाता है। इस फिल्म के विलेन के रूप में सुदीप को चुनने की कोई खास वजह?
जब तक फिल्म का विलेन बड़ा न हो, तब तक असली मजा नहीं आता। फिल्म में हीरो का संघर्ष दिखना चाहिए। सुदीप साऊथ के एक बहुत बड़े स्टार हैं। उनका अपना एक अलग अंदाज है। उन्होंने नेगेटिव रोल बहुत ही अच्छी तरह से निभाए हैं इसलिए ये ख्याल आया कि सुदीप को हम कास्ट करें। इस सीक्वेल के लिए भी हमें फिजीकल लुक वाला विलेन चाहिए था जिससे कि एक्शन सीन करने में मजा आए। इसके लिए सुदीप बिल्कुल फिट थे।

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अक्सर फीमेल्स को ही आइटम सॉन्ग करते हुए देखा जाता है, इस फिल्म में आखिर मुन्ना ने मुन्नी को कैसे रिप्लेस कर दिया?
फिल्म के लिए हमें एक आइटम सॉन्ग चाहिए था। एक रात मैं इसके बारे में सोच रहा था कि तभी मेरे दिमाग में ये आइडिया आया। मैंने आधी रात को अरबाज को बुलाया और कहा कि इस बार मुन्नी की जगह मुन्ना को बदनाम करते हैं। इसे सुनकर वो काफी नाराज हो गए और बोले- इसके लिए मुझे इतनी रात को जगाया? लेकिन फिर ये आइडिया काम आया और इसे काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला।

 

‘दबंग’ में भी सोनाक्षी आपके साथ थीं, इतने लंबे समय बाद उनमें कोई बदलाव है?
पहले के मुकाबले सोनाक्षी में काफी बदलाव आया है। अब वो एक मंझी हुई कलाकार हो गई हैं। अब सैट पर आते ही वो अपने किरदार में इस कदर ढल जाती हैं कि पूरी तरह से ‘रज्जो’ लगने लगती हैं। उन्होंने बड़ी खूबसूरती से पर्दे पर अपने किरदार को जिया है।

 

salman khan

 

आपकी फिल्में हमेशा साफ-सुथरी होती हैं। बिना किसी किसिंग सीन या फिर इंटीमेट सीन्स के। ये इत्तेफाक है या पर्सनल च्वॉइस?
पर्दे पर किसिंग सीन या फिर इंटीमेट सीन ना करना मेरी पर्सनल च्वॉइस है। मैं साफ-सुथरी फिल्में बनाने में यकीन रखता हूं। लोगों को मुझे किस करते देख आखिर क्या मजा मिलेगा या मुझे ऐसा करके क्या मजा आएगा?

 

‘दबंग’ की फ्रैंचाइजी इतने सालों में बहुत बड़ी हो गई है, आप इसे कैसे देखते हैं?
मैं इसे बहुत ही पॉजीटिव तरीके से देखता हूं। इस फ्रैंचाइजी की सभी फिल्मों में हमने करप्शन, दहेज प्रथा, महिला सशक्तिकरण और बेटी बचाओ जैसे बड़े सोशल इश्यू को बहुत ही एंटरटेनिंग तरीके से पेश किया है, जिसे लोगों ने पसंद भी किया।

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‘दबंग 3’ की कहानी आपने खुद लिखी है और आपके पिता सलीम खान बहुत बड़े स्क्रिप्ट राइटर रहे हैं, तो उनसे कोई मदद ली?
भले ही फिल्म की स्क्रिप्ट मैंने लिखी है लेकिन मेरे अंदर स्क्रीनप्ले की जो सोच है, वो पिता सलीम खान से ही आती है। फिल्म स्क्रिपिंटिंग की बारीकियां मैंने उनसे बचपन से सुनी हैं, तब से वो फॉर्मेट मेरे दिमाग में सेट हो गया।

 

इस बार आप महेश मांजरेकर की बेटी सई को लॉन्च कर रहे हैं। किसी भी नए चेहरे को लॉन्च करने से पहले क्या देखते हैं?
मैं उसी चेहरे को लॉन्च करता हूं जो मुझे अट्रैक्ट करता है और फोर्स करता है दोबारा पीछे मुड़कर उसे देखने को। इसके बाद मायने रखता है कि उसमें टैलेंट के साथ कितनी लगन है और वो कितनी मेहनत करने के लिए तैयार है। शक्ल तो ऊपर वाले की देन है लेकिन सीरत आपको खुद संवारनी पड़ती है जो बहुत ही ज्यादा जरूरी है।

 

बॉलीवुड में इतना लंबा सफर तय करने के बाद क्या आपको फ्राईडे फियर होता है?
मुझे अक्सर फिल्म की स्क्रिप्ट लिखते वक्त और उसे शूट करते वक्त घबराहट होती है लेकिन एक बार हमने फिल्म पूरी कर ली और अपना बैस्ट दे दिया, उसके बाद सबकुछ ऑडियंस पर निर्भर होता है। यही वजह है कि मुझे शुक्रवार वाला स्ट्रैस नहीं होता।


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Chandan

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