राम माधव का ममता पर पलटवार, कहा- संविधान के कानून को मानने को बाध्य हर सीएम

punjabkesari.in Monday, Dec 09, 2019 - 06:53 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भाजपा के महासचिव राम माधव ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक पर विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष की दलीलें गुमराह करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसी को अलग रखने के लिए नहीं है बल्कि उन अल्पसंख्यक लोगों को शामिल करने का प्रयास है, जो पिछले 70 साल में यहां आए हैं।

भाजपा महासचिव ने इस विधेयक को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा। राम माधव ने कहा कि अगर यह विधेयक संसद के दोनों सदनों में पेश होता है, तो यह संविधान का हिस्सा बन जाएगा। राज्य की मुख्यमंत्री होने के नाते, उन्हें संविधान के हर कानून को मानना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करती हैं, तो केंद्र इस पर फैसला लेगा कि उन्हें क्या करना है।
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राम माधव ने आगे कहा कि यह विधेयक उन अल्पसंख्यकों को बचाने के लिए है, जो भारत आए। अगर वे यहां पिछले पांच साल से ज्यादा समय से हैं, तो वे भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। हम बहुत से लोगों को शरणार्थी का स्टेटस देने के लिए तैयार हैं। इनमें श्रीलंका और पाकिस्तान से आने वाले लोग भी शामिल हैं।

ममता ने एनआरसी और CAB को बताया एक ही सिक्के के दो पहलू
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और नागरिकता (संशोधन) विधेयक (कैब) का विरोध करने के लिए विपक्षी दलों का आह्वान करते हुए कहा कि देश के एक भी नागरिक को शरणार्थी नहीं बनने दिया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सत्ता में रहते बंगाल में कभी एनआरसी और कैब की इजाजत नहीं दिए जाने का आश्वासन देते हुए बनर्जी ने इन्हें एक ही सिक्के के दो पहलू बताया। 


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Yaspal

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