बिजली संशोधन बिल लोकसभा से पास, कांग्रेस ने उठाए सवाल, एनसीपी डीएमके ने किया बिल का समर्थन
punjabkesari.in Monday, Aug 08, 2022 - 05:07 PM (IST)
नेशनल डेस्कः विधेयक, 2022' को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें कम से कम 100 किलोवाट के विद्युत कनेक्शन वाली इमारतों के लिये नवीकरणीय स्रोत से ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का प्रावधान किया गया है। निचले सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों पर हमें गर्व है क्योंकि अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने में देश ने जो कुछ हासिल किया है, वैसा बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और विकसित देश नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिये है क्योंकि हमारा समाज पानी और सूर्य का उपासक है तथा सरकार को पर्यावरण की चिंता है।
सिंह ने कहा कि पेरिस में हुए संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप 21) में भारत ने तय किया था कि 2030 तक बिजली उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा और स्वच्छ ऊर्जा जैसे गैर-जीवाश्म ईंधन वाले स्रोतों से पूरा किया जाएगा और इस लक्ष्य को देश ने नवंबर 2021 में ही प्राप्त कर लिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है और ऐसे में हर देश को यह समझ आ गया है कि उन्हें इस दिशा में कदम उठाना होगा। उन्होंने इस संदर्भ में यूरोपीय संघ के कार्बन कर लगाने की पहल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारे उद्योगों को भी तैयारी करनी होगी। सिंह ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हमें निर्यातक बनना होगा। उन्होंने कहा कि हमें ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया के निर्यातक के रूप में उभरना होगा। सिंह ने कहा कि कई उद्योगों ने इस दिशा में पहल की है।
मंत्री के जवाब के बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए ध्वनिमत से ‘ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022' को मंजूरी दे दी। सिंह ने नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को लेकर कुछ विपक्षी सदस्यों की टिप्पणियों के जवाब में कहा कि हम लक्ष्य से नहीं चूके हैं बल्कि हम आगे चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्सर्जन घटाने के लक्ष्यों को लेकर भी हम सही तरीके से आगे चल रहे हैं।
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि इसमें ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिये हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया, बायोमास और इथेनॉल सहित गैर-जीवाश्म स्रोतों के उपयोग का प्रस्ताव किया गया है। इसमें कहा गया है कि बड़ी आवासीय इमारतें 24 प्रतिशत बिजली का उपभोग करती हैं और इस विधेयक में ऐसी इमारतों को अधिक ऊर्जा सक्षम एवं वहनीय बनाने का प्रावधान किया गया है।
कांग्रेस के सवाल
इससे पहले कांग्रेस ने कहा कि सोलर उत्पादों पर जीएसटी पांच फीसदी से बढाकर बारह फीसदी करने से उत्पादन की कीमतें बढेगी और इसका सीधा प्रभाव उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। कांग्रेस के लोकसभा में नेता सदन अधीर रंजन चौधरी ने ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 पर शुक्रवार को शुरू हुई चर्चा को आगे बढाते हुए आज कहा कि देश में खनिज पदार्थों की कमी, शोध और विकास के क्षेत्र में कमियां और संस्थागत आभाव के बावजूद सरकार की तरफ से बड़े बड़े वादे किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एक नवीकरणीय ऊर्जा को बढावा देने को लेकर प्रतिबद्धता दिखलाती है और दूसरी तरफ सौर उत्पादों पर लगने वाले पांच फीसदी जीएसटी को बढाकर बारह प्रतिशत कर देती है। सौर उत्पादों पर जीएसटी बढने से इसके उत्पादों के लागत में बढोत्तरी होगी और इसका सीधा प्रभाव उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से सरकार को असीमित शक्तियां दी गयी है जो सही नहीं है। राज्य सरकारों को सभी अधिकार दिये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे देश में चिंता है कि सहकारी संघवाद का क्षरण हो रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा को बढावा देने में राज्यों की अहम भूमिका होती है इसलिए राज्यों को अधिक अधिकार दिये जाने चाहिए।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम के डा. गौतम सिगामणि पोन ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के मामले में गंभीरता दिखा रहा है। भारत ने 2030 तक दूसरे स्रोतों से ऊर्जा हासिल करने का लक्ष्य रखा है जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान समेत अन्य क्षेत्रों में नवीनता आयेगी जो स्वच्छ ऊर्जा को बढावा देने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के आधारभूत संरचना को और अधिक मजबूत किये जाने की जरूरत है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि बायोमास के अच्छे परिणाम नहीं आ रहे है इस बारे में सरकार को अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिये हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया, बायोमास और इथेनॉल सहित गैर-जीवाश्म स्रोतों के बारे में सुनने में बहुत अच्छा लगता है लेकिन इस क्षेत्र में सरकार ने किसी लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया है। कुल नवीकरणीय ऊर्जा का साठ फीसदी लक्ष्य भी पूरा नहीं किया गया है।
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