अपनी कहानी से रूला गए थे बुजुर्ग ऑटो ड्राइवर ,  अब देश ने एकजुट होकर की लाखाें की मदद

punjabkesari.in Thursday, Feb 25, 2021 - 03:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  हाल ही में मुंबई में एक ऑटो ड्राइवर की  कहानी खूब चर्चा में आई थी। आर्थिक तंगी की वजह से 74 वर्षीय देशराज ने अपने घर को पोती को पढ़ाने के लिए बेच दिया है। जब यह खबर सामने आई तो लोगों ने इस दादा के लिए कुछ करने का मन बना लिया। हजारों लोगों ने एक साथ जुटकर देशराज जी के लिए 24 लाख रुपये इक्ट्ठा किए और इन रुपयों का चेक उन्हे सौंप दिया। 

 

दो बेटों की हो चुकी माैत 
दरअसल  बेटे की मौत के बाद उसके बच्चों और पत्नी की जिम्मेदारी संभाल रहे बुजुर्ग देसराज जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को दिए अपने इंटरव्यू में देसराज ने जब अपनी कहानी बताई तो सोशल मीडिया पर लोग भावुक हो गए थे। देसराज ने बताया था कि 6 साल पहले उनका एक बेटा लापता हो गया।  एक हफ्ते बाद उसका शव बरामद किया गया। देसराज ने बताया कि उन्हें तो अपने बेटे के गम में रोने तक का मौका नहीं मिला। परिवार की जिम्मेदारियों का भार जब उनके कंधे पर आया तो अगले ही दिन से वह ऑटो लेकर सड़क पर निकल पड़े। इसके दो साल बाद उनके दूसरे बेटे ने भी आत्महत्या कर ली। 

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देसराज पर  4 पोते-पोतियों की जिम्मेदारी 
देसराज पर बहू और अपने 4 पोते-पोतियों की जिम्मेदारी थी। जब उनकी पोती 9वीं में थी, तब उसने स्कूल छोड़ने की इच्छा जताई थी। तब देसराज ने अपनी पोती को आश्वस्त किया था कि वह जितनी पढ़ाई करना चाहे, करे। ज्यादा कमाने के लिए देसराज सुबह 6 बजे घर से निकलते और देर रात तक ऑटो चलाते थे। इससे उन्हें हर महीने 10 हजार की कमाई होती थी।  इसमें से 6 हजार रुपये बच्चों की स्कूल की फीस में खर्च हो जाते हैं। बाकी के चार हजार में वह सात लोगों के परिवार का पेट भरते हैं।

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ऑटो में ही सोते हैं बुजुर्ग  ड्राइवर 
देसराज ने बताया कि मेरी पोती 12वीं में 80 प्रतिशत अंक लाई तब पूरे दिन उन्होंने ग्राहकों को फ्री में राइड दी थी। इसके बाद उनकी पोती ने दिल्ली के कॉलेज से बीएड करने की इच्छा जताई। अपनी पोती का मन रखने के लिए देसराज ने अपना घर बेच दिया। उनकी पत्नी, बहू और बाकी पोते-पोतियां गांव में एक रिश्तेदार के घर रहने के लिए चले गए लेकिन वह मुंबई में ही रुक गए और ऑटो चलाने का अपना काम जारी रखा। उन्होंने बताया कि मैं अपने ऑटो में ही खाता और सोता हूं और दिन के समय लोगों को उनकी मंजिल पर पहुंचाता हूं। 

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कई लोग देसराज की मदद को आए आगे 
देसराज और उनकी कहानी ने सोशल मीडिया पर लोगों का दिल छू लिया है। कई लोग उनकी मदद को आगे आए।  एक यूजर ने लिखा कि यह कहानी सुनकर मेरा गला रुंध गया। वहीं एक फेसबुक यूजर ने देसराज के लिए फंड रेजिंग स्टार्ट किया, उनकी  मदद के लिए 20 लाख रुपये इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन कई लोगों ने दिल खोलकर दान किया और इस तरह 24 लाख रुपये इक्ट्ठा हो गए।  यह रकम पाकर बुजुर्ग ऑटो ड्राइवर बहुत खुश हुए। उनके चेहरे में  खुशी साफ दिखाई दे रही है। 
 


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Content Writer

vasudha

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