केरल विमान हादसे में को-पायलट की गर्भवती पत्नी पर टूटा दुखों का पहाड़, बच्चे के जन्म से पहले आई मौत

punjabkesari.in Saturday, Aug 08, 2020 - 02:24 PM (IST)

नई दिल्ली: दुबई से आ रहे विमान के एकाएक घाटी में गिर जाने से यहां चारों ओर चीख-पुकार, खून से सने कपड़े, डरे सहमे रोते हुए बच्चे और एंबुलेंस के सायरन की आवाजों ने क्षेत्र को दहला दिया। एअर इंडिया एक्सप्रेस का विमान शुक्रवार शाम कोझिकोड हवाई पट्टी से फिसल कर घाटी में गिर गया और दो हिस्सों में टूट गया। इस दुर्घटना में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई। इस दुर्घटना में एयर इंडिया ने अपने दो जाबांज पायलट खो दिए। प्लेन की क्रैश लैंडिंग के दौरान 59 साल के कैप्टन दीपक वसंत साठे और 33 साल के उनके को-पायलट अखिलेश कुमार की मौत हो गई। अखि

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अखिलेश के मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा
अखिलेश के मौत की खबर से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मथुरा निवासी अखिलेश की पत्नी मेघा गर्भवती हैं और 10 दिन बाद उनकी डिलीवरी होनी है। परिवार में खुशियां मनाने की तैयारी चल रही थी, लेकिन उससे पहले अखिलेश की मौत की खबर आ गई। इससे परिवार में मातम पसर गया। परिजन यकीन नहीं कर पा रहे कि अखिलेश की मौत हो चुकी है।  इस मुश्किल वक्त में अखिलेश कुमार की पत्नी का रो रोकर बुरा हाल है। परिवार के लोग उन्हें सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं। को-पायलट अखिलेश कुमार के शव की शिनाख्त करने के लिए उनके भाई लोकेश दिल्ली से केरल के लिए रवाना हो चुके हैं।

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कैप्टन दीपक साठे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र थे 
वहीं केरल के कोझिकोड में विमान दुर्घटना में मारे गए कैप्टन दीपक साठे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के पूर्व छात्र थे। एयर मार्शल भूषण गोखले (सेवानिवृत्त) ने बताया, च्च्कैप्टन दीपक वी साठे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, पुणे के 58वें पाठ्यक्रम से थे। वह जूलियट स्क्वाड्रन से थे। उन्होंने कहा कि साठे जून 1981 में एयर फोर्स एकेडमी से सोर्ड ऑफ ऑनर के साथ उत्तीर्ण हुए थे और भारतीय वायु सेना में एक लड़ाकू पायलट थे। उन्होंने कहा कि साठे एक उत्कृष्ट स्क्वैश खिलाड़ी भी थे। वायुसेना के पुरस्कार विजेता एक पूर्व अधिकारी कैप्टन साठे का 30 सालों का लंबा और दुर्घटनामुक्त उड़ान रिकॉर्ड रहा है, जिसमें से लगभग 18 साल उन्होंने एयर इंडिया को दिए थे। 

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चीख-पुकार और एंबुलेंस के सायरन की आवाज से दहल गया क्षेत्र
स्थानीय नागरिकों और पुलिस सहित बचाव कर्मियों ने विमान से घायल पुरुष और महिलाओं को बाहर निकालने में फुर्ती दिखाई। विमान तेज आवाज के साथ दो बड़े टुकड़ों में टूट गया और यात्रियों को समझ ही नहीं आया कि पल भर में क्या हो गया। इलाके में चीख पुकार मच गई। बचावकर्मियों ने लोगों को बाहर निकाला। इस दौरान चार से पांच साल के छोटे बच्चे बचाव कर्मियों की गोद में चिपके दिखाई दिए और यात्रियों का सारा सामान यहां वहां बिखरा था। तेज आवाज सुन कर स्थानीय लोग भी मदद के लिए दौड़ पड़े। एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि तेज आवाज सुन कर वह हवाईअड्डे की ओर भागे। उन्होंने कहा,‘‘छोटे बच्चे सीटों के नीचे फंसे हुए थे और यह बेहद दुखद था। बहुत से लोग घायल थे। उनमें से कई की हालत गंभीर थी।'' उन्होंने कहा, “पैर टूटे हुए थे...मेरे हाथ और कमीज घायलों के खून से सनी हुई थी।” बचाव अभियान में शामिल एक अन्य व्यक्ति ने टीवी चैनल को दिये साक्षात्कार में कहा, “घायल पायलट को विमान से कॉकपिट तोड़कर निकाला गया।” उन्होंने का कि जब तक एंबुलेंस मौके पर पहुंचती लोगों ने यात्रियों को कारों से कोझीकोड और मलाप्पुरम जिले के विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाना शुरू कर दिया था। भ


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Edited By

Anil dev

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