JIPMER में ‘हिंदी थोपने'' के खिलाफ द्रमुक का प्रदर्शन, उपराज्यपाल ने अधिकारियों से की बात

punjabkesari.in Monday, May 09, 2022 - 05:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पुडुचेरी में विपक्षी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेताओं ने केंद्र द्वारा संचालित जवाहरलाल स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (जिपमर) में कथित रूप से हिंदी थोपने के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन किया। इसके बाद उपराज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने अधिकारियों के साथ चर्चा की। विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं द्रमुक की पुडुचेरी इकाई के संयोजक आर शिवा के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं ने जिपमर के उस हालिया परिपत्र के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया जिसमें जिपमर के रिकॉर्ड और संचार में कथित तौर पर हिंदी के इस्तेमाल का निर्देश दिया गया है। प्रदर्शन के दौरान शिवा समेत द्रमुक नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।

कुछ स्थानीय युवाओं सहित प्रदर्शनकारियों ने रिकॉर्ड और संचार में हिंदी के प्रयोग पर प्रमुख संस्थान द्वारा जारी परिपत्र की निंदा करते हुए नारे लगाए। शिवा ने आरोप लगाया कि जिपमर पहले से ही स्थानीय युवाओं को नौकरी के अवसरों से वंचित करता रहा है और हिंदी के इस्तेमाल के निर्देश से संबंधित वर्तमान परिपत्र स्थानीय लोगों के लिए एक और झटका है। उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘परिपत्र को बिना शर्त वापस लिया जाना चाहिए।'' इस बीच, तमिझागा वज्वुरिमाई काची के नेता एवं तमिलनाडु विधानसभा के सदस्य टी वेलमुरुगन ने भी परिपत्र को ‘‘हिंदी थोपने'' की कवायद करार दिया। एक विज्ञप्ति में वेलमुरुगन ने संबंधित परिपत्र को तत्काल वापस लेने का आह्वान किया। इस बीच, सुंदरराजन ने जिपमर का दौरा किया और निदेशक राकेश अग्रवाल के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘संस्थान में किसी भी तरह से हिंदी नहीं थोपी गई है और स्थानीय भाषा तमिल को प्राथमिकता दी जाती है।''

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि चार परिपत्र हैं और उनमें से कुछ को हिंदी थोपने वाले परिपत्र के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। सुंदरराजन ने कहा, ‘‘एक विशिष्ट परिपत्र है जिसमें कहा गया है कि विशेष रूप से रोगियों और संस्थान में लोगों के लिए सेवाओं से संबंधित सभी तरह के संचार में तमिल को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘हिंदी को किसी भी तरह से थोपा नहीं गया है।'' उपराज्यपाल ने कहा कि जिपमर एक प्रतिष्ठित संस्थान है और ‘‘आरोप लगाकर इसके कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए''। उन्होंने कहा कि केवल हिंदी जानने वाले कर्मचारियों से संबंधित सभी आंतरिक मामलों में भाषा के संबंध में विकल्प है। उन्होंने कहा, ‘‘जिपमर की सेवाओं में कभी भी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। मैं आश्वस्त करती हूं कि जिपमर में तमिल को प्राथमिकता दी जाती है।'' डिस्प्ले बोर्ड पर अन्य भाषाओं के ऊपर तमिल का इस्तेमाल किया जाता रहा है। उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘जिपमर बिना किसी भेदभाव के काम कर रहा है और विरोध गैर जरूरी है।''

 


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Content Editor

rajesh kumar

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