सेना में महिलाओं के साथ भेदभाव! सुप्रीम कोर्ट बोला-तो पुरुषों का भी रुकना चाहिए प्रमोशन

punjabkesari.in Tuesday, Nov 22, 2022 - 12:13 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सेना में महिला और पुरुष के बीच हो रहे भेदभाव पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दरअसल सेना की उन 34 महिला अधिकारियों ने प्रमोशन में देरी का आरोप लगाया है, जिन्हें 2020 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर स्थायी कमीशन दिया गया था। महिला अधिकारियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस पर एक हफ्ते में जवाब मांगा है।

 

चीफ जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि इन सभी महिलाओं को वरिष्ठता दी जाए। 34 महिला अधिकारियों ने आरोप लगाया कि विशेष चयन बोर्ड भेदभाव कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि  उन पुरुष अधिकारियों के नाम भी प्रमोशन के लिए बढ़ाए गए, जो उनसे बहुत जूनियर हैं। कोर्ट ने सेना की ओर से पेश हुए सीनियर वकील आर बालासुब्रमण्यन से पूछा कि आप पुरुष अधिकारियों के लिए चयन बोर्ड का गठन कर रहे हैं, जबकि महिलाओं के लिए नहीं। आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है?

 

बेंच ने कहा कि अगर ऐसा है तो कर्नल रैंक पर प्रमोशन करने के लिए पुरुषों के लिए जो बोर्ड बनाया गया है उसे भी रोक दिया जाना चाहिए। इस पर बालासुब्रमण्यन ने कहा कि 150 अतिरिक्त पदों के लिए महिला अधिकारियों की खातिर विशेष चयन बोर्ड बुलाया जाएगा जो कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलने के अंतिम चरण में है। सेना की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि अगली सुनवाई की तारीख तक कोई आदेश पारित न किया जाए। उन्होंने भरोसा दिया कि महिला आवेदकों की शिकायत का समाधान जल्द ही हो जाएगा। सेना की से आश्वासन मिलने पर सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 2 हफ्ते के लिए स्थगित कर दी।


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Content Writer

Seema Sharma

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