पीएम केयर्स फंड को सार्वजनिक प्राधिकरण घोषित करने की मांग उचित नहीं : पीएमओ

punjabkesari.in Wednesday, Jun 10, 2020 - 06:53 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ‘पीएम केयर्स फंड' को आरटीआई कानून के तहत ‘लोक प्राधिकार' घोषित करने की मांग करने वाली एक याचिका की विचारणीयता पर बुधवार दिल्ली हाईकोर्ट में सवाल उठाए। वीडियो कांफ्रेंस के जरिये की गई सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति नवीन चावला को पीएमओ की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि वह एक जवाब दाखिल करेंगे जिसमें बताया जायेगा कि इस याचिका पर विचार क्यों नहीं किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए 28 अगस्त तक सूचीबद्ध कर दिया। हाईकोर्ट सम्यक गंगवाल की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ), पीएमओ के दो जून के एक आदेश को चुनौती दी गई है।

याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने उन्हें इस आधार पर दस्तावेज उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया गया कि पीएम केयर्स फंड सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत एक लोक प्राधिकार नहीं है। याचिका में सीपीआईओ के आदेश को खारिज करने और आरटीआई आवेदन में उनके द्वारा मांगे गये दस्तावेज उपलब्ध कराये जाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है। अधिवक्ताओं देबप्रियो मौलिक और आयुष श्रीवास्तव द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के निपटने के लिए उठाये गये एक कदम के तहत पीएमओ ने 28 मार्च को एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिये प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) का गठन किये जाने की घोषणा की थी।
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पीएमओ ने प्रेस विज्ञप्ति में कोविड-19 महामारी के गंभीर स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभावों के मद्देनजर नागरिकों से पीएम केयर्स फंड में दान करने की अपील की थी। याचिका में कहा गया है कि एक मई को याचिकाकर्ता ने एक आरटीआई आवेदन दायर किया था और पीएम केयर्स फंड की ‘ट्रस्ट दस्तावेज' की एक प्रति, फंड से संबंधित दस्तावेज या पत्र और पूरी फाइल की एक प्रति मांगी थी जिसमें फंड का गठन करने का फैसला लिया गया। इसमें कहा गया है कि हालांकि पीएमओ के सीपीआईओ ने इस आधार पर दो जून को सूचना देने से इनकार कर दिया कि पीएम केयर्स फंड आरटीआई अधिनियम के तहत कोई लोक प्राधिकार नहीं है। इस निर्णय को याचिका में चुनौती दी गई है। प्रधानमंत्री, रक्षा, गृह और वित्त मंत्री पीएम केयर्स फंड के पदेन ट्रस्टी हैं।

इस बीच पीएम केयर्स फंड को लेकर दायर एक अन्य याचिका वापस लिये जाने पर मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने इसे खारिज कर दिया क्योंकि याचिकाकर्ता ने आरटीआई कानून के तहत आवेदन किये बगैर ही अदालत में यह याचिका दायर की थी। वकील सुरेंद्र सिंह हुड्डा ने याचिका दायर कर आरटीआई अधिनियम के तहत पीएम केयर्स फंड के बारे में सूचना दिये जाने का आग्रह किया था क्योंकि यह एक लोक प्राधिकार है। याचिकाकर्ता ने इस फंड में मिले धन का ब्योरा देने के लिए निर्देश जारी करने का आग्रह किया था।


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Yaspal

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