दिल्ली हिंसा: शांति बहाली के लिए सड़क पर उतरे पुलिस आयुक्त

punjabkesari.in Tuesday, Mar 10, 2020 - 05:24 PM (IST)

नई दिल्ली: राजधानी में पिछले दिनों हुई हिंसा को देखते हुए होली के दिन मंगलवार पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने खुद ही मोर्चा संभाला और शांति बहाली के प्रयास किए। पुलिस आयुक्त ने उत्तर-पूर्वी, दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी जिले समेत कई इलाकों को दौरा कर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों से मुलाकात की और मिठाई खिलाकर होली की शुभकामनाएं दी। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों और राजधानी के कई इलाकों में नागरिकता कानून के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सुबह से ही पूरी चौकस दिखी। 

पुलिस के आला अधिकारी दल बल के साथ सभी जिलों में गश्त करती नजर आई। राजधानी के सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस ने मार्च निकाला जबकि मुख्य सड़कों पर बैरिकेट लगाकर आने जाने वालों पर कड़ी नजर रख रही है। दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने कहा कि पुलिस आयुक्त ने कई इलाकों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के उत्साहवर्धन किया और मिठाइयां खिलाकर होली की बधाई दी। 

उन्होंने कहा कि पुलिस आयुक्त ने हिंसा प्रभावित उत्तर पूर्वी जिले में पुलिस मित्र तथा अमन कमेटी के सदस्यों से भी मुलाकात उन्हें होली की शुभकामनाएं दी और इलाके में शांति बहाली करने के लिए उनके प्रयासों की प्रशंसा की। मित्तल ने कहा कि गलत तरीके वाहन चलाने वालों अन्य लोगों पर नजर रखने के लिए ट्रैफिक पुलिस की ओर से 170 से अधिक ट्रैफिक पिकेट्स लगाए गए थे। इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्याल नार्थ तथा साउथ कैम्पस में महिला पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया था। दक्षिणी रेंज के संयुक्त आयुक्त देवेश श्रीवास्तव, दक्षिणी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त अतुल ठाकुर और अन्य अधिकारियों ने दक्षिणी दिल्ली जिले के संवेदनशील इलाकों में पैदल मार्च निकाला और स्थानीय लोगों से मुलाकात की।

पश्चिमी दिल्ली के मादीपुर तथा मोती नगर में भी पुलिस ने मार्च निकालकर शांति और भाईचारे का संदेश दिया। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने अफवाहें या नफरतपूर्ण संदेश फैलाने वालों को सावधान करते हुए कहा कि ऐसा करने वालों को पांच साल की सजा हो सकती है। दिल्ली पुलिस ने अपने संदेश में कहा कि फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर प्लेटफार्मों पर और मैसेजिंग एप्स पर नफरतपूर्ण या भड़काऊ संदेश वीडियो फैलाना और शेयर करना भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए, आईपीसी धारा 295 ए और आईपीसी धारा 505 के तहत एक दंडनीय अपराध है। दोषियों को जुर्माना या पांच साल की कैद हो सकती है।


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shukdev

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