दिल्ली हिंसाः जामिया के छात्रों के समर्थन में आई कांग्रेस, कहा- आज कोर्ट जाएंगे

punjabkesari.in Monday, Dec 16, 2019 - 05:33 AM (IST)

नेशनल डेस्कः जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर में पुलिस कार्रवाई के लिए केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस ने रविवार को उस पर देश में शांति बनाए रखने के अपने कर्तव्य को निभाने में नाकाम रहने और असम, त्रिपुरा तथा मेघालय के बाद दिल्ली तक को जलने के लिए छोड़ देने का आरोप लगाया। कांग्रेस समेत कई दल जामिया के छात्रों के समर्थन में आ गए हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं अभी आईटीओ जा रहा हूं। यह हमारे सम्मान की लड़ाई है। हम इस मुद्दे को कल कोर्ट में उठाएंगे।
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इसके अलावा, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह पूछा कि क्या पुलिस का जामिया परिसर पुस्तकालय में घुसना और छात्रों की पिटाई करना तथा उन पर आंसू गैस छोड़ना न्यायोचित है। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली जल रही है, असम, त्रिपुरा और मेघालय जल रहे हैं। बंगाल में हिंसा फैल रही है, गृह मंत्री को पूर्वोत्तर जाने की हिम्मत नहीं है, जापान के प्रधानमंत्री की यात्रा रद्द करनी पड़ी, लेकिन मोदी जी झारखंड में चुनाव प्रचार करके खुश हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘जो इसका विरोध करते हैं उन्हें देशद्रोही बताया जाता है और जामिया इसका ताजा उदाहरण है।''
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सुरजेवाला ने पूछा, ‘‘क्या यह ठीक है कि भाजपा सरकार जामिया विश्वविद्यालय के पुस्तकालय और छात्रावास में घुस गई और युवाओं पर आंसू गैस छोड़े गये तथा उनकी पिटाई की। क्या छात्र नागरिकता कानून 2019 के खिलाफ प्रदर्शन नहीं कर सकते जो संविधान की आत्मा पर वार है।''
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वहीं, कांग्रेस ने जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ पुलिस कारवाई की निंदा करते हुए रविवार को गृह मंत्रालय से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की। कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया ‘‘जामिया मिल्लिया में निर्दोष छात्रों के साथ दिल्ली पुलिस की कारर्वाई की मैं कड़ी निंदा करता हूँ। मैं सभी से संयम बरतने और शांति बनाये रखने की अपील करता हूं।'' उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा गृह मंत्रालय से मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर स्थिति का शांतिपूर्ण हाल निकालने का आग्रह किया है।
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हिंसा रोकने के लिए दिल्ली पुलिस जामिया कैम्पस में घुसी
गौरतलब है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के चीफ प्रॉक्टर वसीम अहमद खान ने रविवार को दावा किया कि दिल्ली पुलिस के कर्मी बगैर इजाजत के जबरन विश्वविद्यालय में घुस गये और कर्मचारियों तथा छात्रों को पीटा तथा उन्हें परिसर छोड़ने के लिए मजबूर किया। हालांकि, पुलिस ने बताया कि दक्षिण दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के निकट प्रदर्शनकारियों के हिंसा में संलिप्त होने के बाद वे (पुलिसकर्मी) केवल स्थिति नियंत्रित करने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में घुसे थे। विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि पुस्तकालय के भीतर मौजूद छात्रों को निकाला गया और वे सुरक्षित हैं।
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दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर छात्रों का प्रदर्शन
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के हिंसक हो जाने पर स्थिति से निपटने के पुलिस के तौर तरीके के खिलाफ विरोध प्रकट करने के लिए पुराने दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर बहुत सारे लोग पहुंच गये। आईटीओ इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ने इसका आह्वान किया था। अन्य छात्र निकायों ने भी इस आह्वान का समर्थन किया।
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रविवार को उससे पहले जामिया विश्वविद्यालय के पास प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी थी और उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई थी। पुलिस स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया में घुसी । उसने कहा कि उसने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है जो कथित रूप से हिंसा में शामिल थे। लेकिन जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि विद्यार्थी हिंसा में शामिल नहीं थे। 


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Yaspal

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