दिल्ली-एनसीआर की हवा हुई बेहद 'खतरनाक', नोएडा-गाजियाबाद में AQI 400 के पार

punjabkesari.in Saturday, Oct 16, 2021 - 01:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर समेत अन्य राज्यों में सर्दियों की आहट के साथ प्रदूषण का स्तर खराब होने लगा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों में वायु गुणवत्ता (AQI) 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। इसके पीछे का मुख्या कारण पराली जलाने की बढ़ती घटनाएं है। 

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नोएडा-गाजियाबाद में AQI 400 के पार
बता दें कि, राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता (AQI) 400 के पार चला गया है। वही, यूपी के मेरठ में हवा की गुणवत्ता में लगातार गिरावट हुई है और यहां AQI 500 के पार है, जोकि खतरनाक श्रेणी में आता है। एनसीआर के शहरों में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर चिंता बढ़ा रहा है। देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में ज्‍यादातर दिल्‍ली-एनसीआर के इलाके शामिल हैं। इनमें यूपी का ग्रेटरनोएडा टॉप पर है।

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दिल्ली में वायु गुणवत्ता बेहद ‘खराब’
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, बीते कुछ दिनों सामान्‍य श्रेणी में रहने वाली दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी पहुंच गयी है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 244 रहा। बल्लभगढ़ का एक्यूआई 271 रिकॉर्ड किया गया। इस दौरान फरीदाबाद में AQI 250 के आस-पास बना हुआ है, जोकि मध्यम' श्रेणी में आता है। 

  • वायु गुणवत्ता सूचकांक में प्रदूषण का स्‍तर 0-50 तक होने पर न्‍यूनतम प्रभाव होता है।
  • AQI शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा'
  • 51 और 100 के बीच एक्यूआई को 'संतोषजनक'
  • 101 और 200 के बीच 'मध्यम'
  •  201 और 300 के बीच 'खराब'
  • 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब'
  • 401 और 500 के बीच एक्यूआई को 'गंभीर' यानी 'खतरनाक' श्रेणी में माना जाता है।


पहले से कम हुईं पराली जलाने की घटनाएं
आंकड़ों के मुतबिक, 15 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच पंजाब में पराली जलाने की 764 घटनाएं हुई हैं। पिछले साल में करीब 2,586 घटनाएं दर्ज की गई थीं। आईएआरआई के मुताबिक, वर्ष 2016 के दौरान पंजाब में पराली जलाने की 1.02 लाख घटनाएं दर्ज की गई थीं। जबकि वर्ष 2017 में 67,076, वर्ष 2018 में 59,684, वर्ष 2019 में 1 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच 50,738 और पिछले साल 79,093 घटनाएं दर्ज की गई थीं। 


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Content Editor

rajesh kumar

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