Delhi MCD Result: 15 साल बाद दिल्ली एमसीडी चुनाव क्यों हारी बीजेपी, ये हैं बड़ी वजहें

punjabkesari.in Wednesday, Dec 07, 2022 - 08:34 PM (IST)

नेशनल डेस्कः दिल्ली एमसीडी में भाजपा का 15 साल पुराना किला आम आदमी पार्टी ने ध्वस्त कर दिया है। AAP को एमसीडी चुनाव में सबसे ज्यादा 134 सीटों पर जीत मिली है, जबकि भाजपा को 104 सीटों पर ही सिमट गई है। वहीं 250 सीटों में देश की सबसे पुरानी पार्टी को सिर्फ 9 सीटें ही मिलीं। अब इस चुनाव के बाद जो सबसे बड़ा सवाल है वो यह है कि आखिर जिस बीजेपी को एमसीडी से कांग्रेस नहीं उखाड़ पाई थी, उसे 15 सालों बाद आम आदमी पार्टी ने कैसे धूल चटा दिया।

कूड़े के पहाड़ बने विलेन
एमसीडी चुनाव में कूड़े के पहाड़ भाजपा के लिए सबसे बड़े विलेन बन गए। आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में तीन कूड़े के पहाड़ों के मुद्दे को जमकर उछाला। दरअसल, दिल्ली में 2 मीट्रिक टन कूड़ा प्रतिदिन घरों से निकलता है। एमसीडी घर-घर से कूड़ा कलेक्ट करती है। ऐसे में इस कूड़े को ठिकाने लगाने के लिए नगर निगम ने दिल्ली के अलग-अलग एरिया में तीन जगहों को स्टोर किया। 15 साल में यह कूड़ा अब पहाड़ बन चुका है और इनकी ऊंचाई गगनचुंबी इमारत जितनी हो गई है। AAP केजरीवाल ने कहा कि एक मौका AAP को दो। हम पांच साल में दिल्ली से भाजपा के बनाए कूड़े के पहाड़ों को खत्म कर देंगे।

आरोप प्रत्यारोप की राजनीति
बीजेपी के नेता लगातार आम आदमी पार्टी पर हमलावर थे। उसके नेताओं पर लगातार छापे पड़ रहे थे और उन्हें जेल भेजा जा रहा था। हालांकि, इधर जमीन पर कूड़े के ढेर, गंदगी और गली मोहल्लों में अव्यवस्था पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा था। बीजेपी के नेताओं को लगा कि वह केजरीवाल विरोधी हवा बना कर एमसीडी चुनाव जीत जाएंगे, लेकिन शायद दिल्ली की जनता ने जमीन पर दिख रहे मुद्दों पर वोट किया और केजरीवाल इसमें बाजी मार गए।

एंटी इनकंबेंसी रही बड़ी वजह
बीजेपी दिल्ली एमसीडी में 15 सालों से काबिज थी। इसके बावजूद दिल्ली में कई जगह कूड़े के पहाड़ खड़े हैं। आम आदमी पार्टी ने इसे अच्छी तरह से भुनाया और 'एमसीडी में 15 साल कुशासन' के नारे के साथ बीजेपी पर लगातार हमलावर रही। दिल्ली की जनता से मुख्यमंत्री केजरीवाल चुनाव प्रचार में बार बार कहते नजर आ रहे थे कि आपने 15 साल से बीजेपी का शासन देख लिया है, अब एक बार 'आप' को भी मौका देकर देखिए। लगता है केजरीवाल की ये बात दिल्ली वालों ने मान ली और उन्हें दिल्ली एमसीडी के लिए मौका दे दिया।

केजरीवाल के वादों का तोड़ नहीं मिला
बीजेपी के हार की एक और सबसे मुख्य वजह यह भी है कि उसके पास एमसीडी चुनाव में अरविंद केजरीवाल द्वारा किए गए वादों का कोई तोड़ नहीं था। चाहे दिल्ली से कूड़े के ढेर साफ करना हो या फिर RWAs के दफ्तरों को चलाने के लिए फंड देने की बात करना हो। बीजेपी के पास इनका कोई तोड़ नहीं था। यही वजह रही कि बीजेपी इन मुद्दों पर जनता के सामने कोई काट नहीं पेश कर पाई और केजरीवाल के सामने घुटने टेक दिए।


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Content Writer

Yaspal

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