दिल्ली: प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने मांगे सुझाव

punjabkesari.in Saturday, Sep 07, 2019 - 04:13 AM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने सर्दियों में पराली के कारण होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए लोगों से सुझाव मांगे हैं। सर्दियों में पंजाब और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाई जाती है। इससे दिल्ली में हर वर्ष सर्दियों में प्रदूषण की समस्या गंभीर हो जाती है। लोग 12 सितम्बर तक अपने सुझाव ‘सीएम4क्लीनएयर एट जीमेल डॉट कॉम’ पर भेज सकते हैं। 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को इस पर जनता से सुझाव मांगते हुए कहा कि 25 अक्तूबर से 20 नवंबर तक के मुख्य सीजन के दौरान पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बड़ी संख्या में होती हैं और इससे राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है। जनता से आए सुझाव के बाद सरकार इससे निपटने के लिए रणनीति तैयार करेगी। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पिछले तीन वर्षों में आप सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से वायु प्रदूषण में 25 प्रतिशत की कमी आयी है।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों को मैं खुशखबरी देना चाहता हूं कि कई सालों की मेहनत के बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण बढऩे की बजाय कम होना शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़े दर्शाते हैं कि पिछले 3 सालों में दिल्ली के प्रदूषण स्तर में काफी कमी आई है। 

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 38 पॉल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशन के आंकड़ों के आधार पर संसद में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। प्रस्तुत रिपोर्ट के मुताबिक 2012 से 2014 के बीच पीएम 2.5 का स्तर 154 था जो 2016 से 2018 के बीच में घटकर 115 रह गया है। यानी पीएम 2.5 में 25 प्रतिशत की कमी आई है। इसी प्रकार से 2011 से 2014 के बीच प्रतिवर्ष लगभग 40 दिन प्रदूषण के लिहाज से सबसे खतरनाक स्थिति वाले दिन हुआ करते थे जो पिछले तीन साल में घटकर मात्र 15 दिन रह गए हैं।

प्रदूषण चेकिंग केंद्र सुबह 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक खुलेंगे
संशोधित मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद प्रदूषण चेकिंग केंद्रों पर पीयूसी के लिए उमडऩे वाली भारी भीड़ को देखते हुए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने प्रदूषण चेकिंग केंद्रों को सुबह 7 बजे से लेकर रात्रि 10 बजे तक खोलने का निर्देश जारी किया है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। दिल्ली में करीब 940 प्रदूषण चेकिंग केंद्र काम कर रहे हैं।

  • दिल्ली में 40 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन काम कर रहे हैं। 
  • आने वाले समय में 4000 बसें और आ रही हैं, इससे दोपहिया वाहन कम होंगे। 
  • इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी की बहुत जल्द घोषणा होने वाली है। 
  • सड़कों की दोनों तरफ  की मिट्टी नहीं उड़े, इसके लिए दोनों तरफ  ग्रीनरी हो रही है। 


ऐसे कम हुआ प्रदूषण 
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण में कमी कैसे आई, इसे लेकर एनालिसिस करवाई गई  है। सबसे ज्यादा असर इस बात का हुआ है कि दिल्ली में अब 24 घंटे बिजली रहने लगी है। 2014 में दिल्ली में 11.7 करोड़ यूनिट बिजली के पावरकट लगे थे,जबकि पिछले साल मात्र 1.7 करोड़ यूनिट बिजली के पावर कट लगे। यानी दिल्ली में 80 फीसदी से 90 फीसदी तक बिजली के पावर कट में कमी आई है।  लोगों ने जेनरेटर का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। एक आकलन के मुताबिक दिल्ली में पहले लगभग पांच लाख से भी अधिक जनरेटर इस्तेमाल होते थे। पहले बाजारों में हर दुकान पर जेनरेटर होता था। इनसे बहुत ज्यादा प्रदूषण होता था। जेनरेटर का इस्तेमाल लगभग बंद हो गया है। 

 


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Pardeep

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