delhi assembly election: कांग्रेस पर एक बार फिर मंडराने लगा सूपड़ा साफ होने का खतरा

punjabkesari.in Tuesday, Feb 04, 2020 - 11:15 AM (IST)

नई दिल्ली: 5 वर्ष पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक भी सीट पर जीत हासिल न कर पाने वाली कांग्रेस के सामने एक बार फिर खराब प्रदर्शन का खतरा मंडरा रहा है। प्रदेश कांग्रेस के नेता आपसी बातचीत में मान रहे हैं कि विधानसभा की 70 सीटों में इस बार कुछ एक को छोड़ लगभग सभी जगह आप और भाजपा के मुकाबले वे संघर्ष में ही नहीं हैं। विधानसभा चुनाव की रणनीति व प्रबंधन से जुड़े प्रदेश कांग्रेस के एक नेता का कहना था कि एक समय दिल्ली में सबसे मजबूत राजनीतिक दल के तौर पर स्थापित और लगातार 15 वर्षों तक शासन कर चुकी कांग्रेस मुश्किल से 5 या 6 विधानसभा क्षेत्रों में ही ठीक से चुनाव लड़ रही है।

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सूत्रों के मुताबिक जिन सीटों पर कांग्रेस की मौजूदगी दिख रही है उनमें ओखला, बल्लीमारान, सीलमपुर और मुस्तफाबाद की सीटें शामिल हैं। इन सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। इनके अलावा पार्टी गांधीनगर और बादली जैसे क्षेत्रों में भी खुद को मुकाबले में मान रही है। ओखला इलाके मे सामाजिक कार्यकत्र्ता मोहम्मद अहमद कहते हैं, ‘‘कुछ हफ्ते पहले तक यहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत थी लेकिन अब यहां के लोगों में यह माहौल बनता दिख रहा है कि वह भाजपा विरोधी वोटों का बंटवारा नहीं करेंगे। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के लिए यहां से जीतना काफी मुश्किल नजर आ रहा है। ओखला से कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद परवेज हाशमी को उम्मीदवार बनाया है। 

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भाजपा विरोधी मतों में बंटवारे के डर से कांग्रेस के लिए लड़ाई कठिन
इसी तरह सीलमपुर विधानसभा सीट पर भी 5 बार के विधायक रहे मतीन अहमद की उम्मीदवारी के मद्देनजर खुद को मजबूत मानकर चल रही कांग्रेस के लिए मतदान से कुछ दिनों पहले तक हालात मुश्किल नजर आ रहे हैं। सीलमपुर निवासी मोहम्मद सलीम कहते हैं, ‘‘आप के उम्मीदवार बदलने और भाजपा विरोधी मतों के बंटवारे के डर से कांग्रेस के लिए लड़ाई कठिन हो गई है। सी.एस.डी.एस. के निदेशक और राजनीतिक विशेषज्ञ संजय कुमार का मानना है कि कांग्रेस दिल्ली की लड़ाई से बाहर हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली का चुनावी मुकाबला पूरी तरह से द्विदलीय हो गया है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के वोट प्रतिशत का दहाई के अंक में पहुंचना भी मुश्किल नजर आ रहा है। 

 

पार्टी चौंकाने वाले नतीजे देगी: चाको
प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि एक तो हमारी हालत अच्छी नहीं है और दूसरा सभी (गैर भाजपा ताकतें) मान रहे हैं कि कांग्रेस यदि आक्रामक होगी तो उससे भाजपा को ही फायदा होगा। पार्टी के रणनीतिकार आप के साथ किसी तरह की रणनीतिक समझ से इन्कार कर रहे हैं। यही कारण है कि अब तक कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली में चुनावी सभा से परहेज किया है और तीनों शायद मतदान के ठीक पहले ही प्रचार में उतरेंगे। वैसे, पार्टी के दिल्ली प्रभारी पी.सी. चाको का दावा है कि पार्टी चौंकाने वाले नतीजे देगी और चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में सभी शीर्ष नेता जनता के बीच होंगे। 


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Edited By

Anil dev

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