पंजाब, हरियाणा में पराली जलाने से दिल्ली में बुरे हाल, आज भी राजधानी की हवा 'खराब'

punjabkesari.in Tuesday, Nov 03, 2020 - 12:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को हवा की गति बढ़ने से प्रदूषक तत्वों के बिखर जाने के कारण वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हुआ है लेकिन दिल्ली के कई इलाकों में AQI 300 तक रहा जोकि खराब श्रेणी में आता है। पड़ोसी राज्यों- पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं जारी रहीं जिसके कारण दिल्ली की हवा प्रदूषण बढ़ा है। मंगलवार सुबह दिल्ली में स्मॉग की घनी चादर छाई हुई नजर आई। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ‘सफर' के अनुसार, सोमवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत थी। यह रविवार को 40 फीसदी पहुंच गई थी जो इस मौसम में सबसे ज्यादा है।

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दिल्ली के पीएम 2.5 में पराली जलाने की हिस्सेदारी शनिवार को 32 प्रतिशत, शुक्रवार को 19 फीसदी और गुरुवार को 36 प्रतिशत थी। ‘सफर' के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल एक नवंबर को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 44 प्रतिशत थी जो सबसे ज्यादा थी। पंजाब के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, राज्य में इस मौसम में अबतक 33,165 आग जलाने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं, जबकि इस दौरान हरियाणा में इनकी संख्या 6,034 रही। नासा से प्राप्त उपग्रह चित्रों में पंजाब और हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पराली इत्यादि जलाने की घटनाओं की पुष्टि हुई।

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इससे पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पराली जलाए जाने के मुद्दे पर सोमवार को भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है, लेकिन विपक्षी दल इसे मानने को तैयार नहीं। राय ने पत्रकारों से कहा कि हम बार-बार कहते आए हैं कि दिवाली के आसपास दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक बढ़ाने के पीछे का कारण पराली जलाना है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस कहती है कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी चार से छह फीसदी है, जबकि आंकड़े बताते हैं कि यह बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है।

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Seema Sharma

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